cy520520 Publish time 2025-12-5 15:38:25

रुपये में गिरावट के बीच RBI ने क्यों लिया ब्याज दर घटाने का रिस्क? महंगाई और GDP अनुमान पर भी बदला रुख

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नई दिल्ली। रुपये में गिरावट (Rupee Fall) और बेहतर जीडीपी आंकड़े (GDP Data) आने के बाद इस बात की संभावना कम होने लगी थी कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती करे, लेकिन आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर आम आदमी को राहत देने के साथ-साथ इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर यह बड़ा फैसला लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) ने सर्वसम्मति से रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करने का फैसला किया है और ‘न्यूट्रल’ रुख जारी रखने का निर्णय किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

खास बात है कि ब्याज दरों में कटौती के अलावा, आरबीआई ने महंगाई अनुमान भी घटाया है और साथ ही जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को बढ़ा दिया है। आइये आपको बताते हैं कि आरबीआई गवर्नर की पॉलिसी कमेंट्री से जुड़ी अहम बातें...
बढ़ाया GDP अनुमान

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 5 दिसंबर को चालू वित्त वर्ष 2026 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर 7.3 प्रतिशत कर दिया, जो पहले 6.8 प्रतिशत था।

वही, तीसरी तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान पहले के 6.4 प्रतिशत से संशोधित कर 7 प्रतिशत कर दिया गया; और चौथी तिमाही के लिए 6.2 प्रतिशत से संशोधित कर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया।
RBI गवर्नर ने और क्या कहा?

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पॉलिसी कमेंट्री में कहा कि विनिर्माण गतिविधियों में सुधार जारी है। उन्होंने कहा, “हम नए साल का स्वागत अर्थव्यवस्था में विकास को और तेज़ करने की उम्मीद और उत्साह के साथ कर रहे हैं।“ उन्होंने आगे कहा कि विकास दर इस समय एक \“दुर्लभ गोल्डीलॉक्स सिचुएशन\“ पेश कर रही है।

संजय मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई बैंकिंग सिस्टम में लगभग 1.45 लाख करोड़ रुपये (16.15 बिलियन डॉलर) की लिक्विडिटी डालेगा।

आरबीआई गवर्नर ने इससे पहले कहा था कि आरबीआई खुले बाजार में 1 लाख करोड़ रुपये तक के बांड खरीदेगा और 5 अरब डॉलर का डॉलर-रुपया खरीद/बिक्री स्वैप करेगा।

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आरबीआई ने क्यों घटाई ब्याज दरें?

आरबीआई पॉलिसी को लेकर जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट, वी के विजयकुमार ने कहा, “एमपीसी ने अर्थव्यवस्था में जारी मज़बूत वृद्धि के बावजूद विकास के पक्ष में मतदान करने का फ़ैसला किया। दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के सर्वसम्मत फ़ैसले से एमपीसी में इस बात पर आम सहमति झलकती है कि रुपये की गिरावट के बावजूद विकास को और बढ़ावा देना एक जोखिम उठाने लायक है।“
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