Chikheang Publish time 2025-12-5 19:37:18

तेल चोरी का अंतरराज्यीय नेटवर्क ध्वस्त, देवघर में हल्दिया-बरौनी पाइपलाइन से चोरी करने वाले 5 शातिर गिरफ्तार

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चोरी करने वाले 5 शातिर गिरफ्तार



सौरभ मिश्रा, देवघर। देवघर जिले के जसीडीह थाना की पुलिस ने इंडियन ऑयल की हल्दिया-बरौनी तेल पाइपलाइन से तेल चोरी करने वाले अंतरप्रांतीय तेल चोर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये लोग गुजरात, बंगाल व यूपी के रहने वाले हैं। इन लोगों को जसीडीह के एक होटल के कमरे से पकड़ा गया है।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ये तेल चोरी करने की फिराक में थे और इसी क्रम में पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनके पास से पाइपलाइन में छेद कर तेल चोरी करने के औजार भी बरामद किए गए हैं। पुलिस पूछताछ के क्रम में इन लोगों के कई अहम सुराग हाथ लगे हैं जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
तेल चोर गिरोह के सदस्य गिरफ्तार

जानकारी हो कि देवघर में तेल चोर गिरोह के सदस्य पकड़े गए हैं। इससे पहले भी जसीडीह थाना की पुलिस ने तेज चोरी करते हुए तेल चोरों को ट्रैंकर के साथ पकड़ा था। वहीं यूपी के तेल चोर गिरोह के आधा दर्जन आरोपितों को पकड़ा गया था।

इसके अलावा जिले के कुंडा, सारवां, सारठ, देवीपुर, बुढ़ई आदि इलाकों में भी तेल चोरी का मामला पहले सामने आ चुका है। कई बार तेल चोरी से जुड़े लोगों को पकड़ा गया है। इन तेल चोरों का नेटवर्क काफी लंबा है।

इस धंधे में झारखंड, बिहार, यूपी, गुजरात, बंगाल आदि प्रदेश के लोग शामिल हैं। चोर क्रूड आयल के साथ ही रिफाइन किया हुआ डीजल भी चोरी करते हैं।
चोरों के तार बंगाल के कई इलाकों से जुड़े

सूत्रों के मुताबिक इन तेल चोरों के तार बंगाल के कई इलाकों से जुड़े हुए हैं। बंगाल की कई फैक्ट्री में चोरी का तेल सप्लाई किया जाता है। क्रूड ऑयल का इस्तेमाल ग्रिस बनाने, मोबिल को पतला करने, स्प्रिट बनाने, अलकतरा बनाने में किया जाता है। वहीं फैक्ट्र्री में बड़ी-बड़ी भट्ठी को जलाने में भी इस तेल का इस्तेमाल होता है। वहीं अगर तेल चोरों के हाथ डीजल लग गया तो उसे सीधे तेल के कारोबारियों को बेच दिया जाता है।

कुछ माह पूर्व देवघर की पुलिस टीम चोरों को तेल चोरी कर फैक्ट्री तक ले जाते हुए रंगेहाथ पकड़ने का प्रयास किया था। टीम ने इसके लिए कई दिनों पर बंगाल में कैंप भी किया। लेकिन ये तेल चोर पुलिस को उस वक्त चमका देने में कामयाब रहे। तेल चोरी करने वालों में अलग-अलग टीम काम करती है।

एक टीम पहले जगह की रेकी करती है। कई जगहों पर वे सरकारी योजना के लिए सर्वे के नाम पर रेकी करते हैं। उनके द्वारा पाइप लाइन का पता लगाकर वहां भी दाग लगाया जाता है। उसके बाद उस जगह पर एक्सपर्ट के द्वारा पाइप लाइन में छेद कर पाइप के माध्यम से तेल को निकालकर टैंकर में भरा जाता है। उसके बाद उसमें वाल्व लगा दिया जाता है।

इस काम को करने में काफी खतरा है। क्योंकि पाइप के अंदर तेल का प्रेशर काफी अधिक होता है ऐसे में हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है। ऐसे में इस काम को जानकार ही करते हैं। तेल की चोरी करने के लिए अक्सर सुनसान जगह की तलाश की जाती है।
तेल बेचने के लिए अलग टीम तैयार

उसके बाद चोरी किए गए तेल को एक अलग टीम बेचने का काम करती है। तेल चोरी के काम को काफी कम समय में पूरा करना पड़ता है। क्योंकि जैसे ही पाइपलाइन में छेड़छाड़ होती है तो कंपनी के कंट्राेल को पता चल जाता है कि प्रेशर कहां कम हुआ। उसके बाद वहां से संबंधित अधिकारी को स्थानीय स्तर पर सूचना दी जाती है।

उसके बाद कंपनी की सुरक्षा टीम को सूचना दी जाती है। वे उस जगह पर जाकर छानबीन करते हैं। पुलिस को भी सूचना दी जाती है। ऐसे में तेल चोरों को काम बहुत तेजी में करना पड़ता है क्योंकि इसमें पकड़े जाने का खतरा बना रहता है।
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