Cameroon में फंसे झारखंड के पांच मजदूर वतन लौटे, चार महीने से नहीं मिला था वेतन
/file/upload/2025/12/6360004686690453666.webpकैमरून से लौटे पांचों मजदूर।
संवाद सहयोगी, गिरिडीह। झारखंड सरकार और विदेश मंत्रालय की पहल पर मध्य अफ्रीका के देश कैमरून में फंसे झारखंड के पांच मजदूर आखिरकार सुरक्षित वतन लौट आए। गुरुवार सुबह सभी मजदूर मुंबई-हावड़ा मेल से पारसनाथ स्टेशन पहुंचे, जहां से वे अपने-अपने घर गए। गांव लौटने पर मजदूरों का भावुक स्वागत किया गया और परिजनों ने राहत की सांस ली।
वापस लौटे मजदूरों ने झारखंड और केंद्र सरकार के साथ-साथ मीडिया तथा प्रवासी श्रमिकों के हित में काम कर रहे समाजसेवी सिकंदर अली के प्रति विशेष आभार जताया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बताया गया कि गिरिडीह और हजारीबाग से गए ये पांच मजदूर अफ्रीका के कैमरून में काम कर रहे थे, जहां कंपनी ने उनका चार महीने से वेतन रोक रखा था। हालात इतने खराब हो गए कि भोजन तक का संकट पैदा हो गया। मजबूरी में मजदूरों ने समाजसेवी सिकंदर अली के माध्यम से इंटरनेट मीडिया पर वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई।
वीडियो वायरल होने के बाद सरकार सक्रिय हुई और न केवल उनका बकाया वेतन दिलाया, बल्कि सुरक्षित स्वदेश वापसी भी सुनिश्चित कराई।
सिकंदर अली ने कहा कि रोजी-रोटी की तलाश में विदेश जाने वाले मजदूर अनेक बार बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं, इसलिए प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
कैमरून से लौटे मजदूरों में हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के सुनील महतो, सुकर महतो, चंद्रशेखर कुमार, डीलों महतो तथा गिरिडीह जिला के डुमरी के दिलचंद महतो शामिल हैं।
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