cy520520 Publish time 2025-12-5 21:08:30

ये है यूपी का इटावा सफारी पार्क, जानें शेरों के लिए कहां से आता मांस, कितने कर्मचारी करते उनकी देखरेख

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गौरव डुडेजा, इटावा। Etawah Safari Park: आपने कभी जोड़-घटाव नहीं किया होगा कि शेर-तेंदुआ के भोजन पर कितना खर्च होता है। इटावा सफारी का बजट देखें तो रोचक तथ्य सामने आया है। यहां सालाना 1.19 करोड़ रुपये शेर व तेंदुआ के भोजन पर खर्च किया जाता है। सफारी के 19 शेर व 24 तेंदुआ प्रतिदिन 130 किलोग्राम मांस खाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



शेर आठ से नौ किलो व शेरनी छह से सात किलो मांस रोज खाती हैं। सफारी प्रशासन का प्रतिमाह का इस पर व्यय लगभग 9.75 लाख रुपये है। इसी तरह, एंटीलोप, हिरण व भालू 30 लाख रुपये का खाना खा रहे हैं। इटावा सफारी पार्क का कार्पस फंड वर्तमान में 88 करोड़ रुपये है, जिसके प्रतिवर्ष लगभग छह करोड़ रुपये मिलने वाले ब्याज से यह खर्च पूरा होता है। सफारी के रखरखाव, 80 आउटसोर्सिंग व अन्य संविदा कर्मियों पर 1.50 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।



शेरों व तेंदुआ का सबसे पसंदीदा भोजन भैंस के बच्चों का मांस है। यह मांस उन्नाव के स्टैंडर्ड स्लाटर हाउस से मंगाया जाता है। ठेकेदार के माध्यम से इसकी रोजाना आपूर्ति की जाती है। डाक्टरों की टीम इस मांस का परीक्षण करती है कि बासी या खराब तो नहीं है। उसके बाद इसे भोजन के रूप में दिन में एक बार शेरों व तेंदुओं को दिया जाता है। इस तरह, कार्पस फंड के ब्याज से होने वाली आय का 50 प्रतिशत भोजन व मानदेय में चला जाता है। बाकी बचे तीन करोड़ रुपये से सफारी के अनुरक्षण का कार्य वर्षभर किया जाता है, ताकि पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं दी जा सकें। इसमें रंगाई, पोताई, सड़क, लान व शौचालय का रखरखाव, घास की छंटाई व कटाई शामिल है।


एसी बसें पर्यटकों के लिए खरीदी गईं

इस वर्ष सफारी पार्क ने 54 लाख की लागत से दो वातानुकूलित बसें भी पर्यटकों की सुविधा के लिए खरीदी हैं। सफारी पार्क में प्रतिदिन लगभग 500 पर्यटक पहुंचते हैं, जबकि रविवार को यह संख्या 1000 तक पहुंच जाती है। सफारी में टिकट दर वयस्क के लिए 250 रुपये व बच्चे की 65 रुपये निर्धारित है। इटावा सफारी पार्क के निदेशक डा. अनिल पटेल ने बताया कि उन्नाव से मांस आने के बाद उसका परीक्षण कराकर क्षमता के अनुसार शेर, शेरनी व तेंदुओं को परोसा जाता है।


ये भी जानें


88 करोड़ रुपये है इटावा सफारी का कार्पस फंड
6 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष इससे मिलता है ब्याज
3 करोड़ रुपये कर्मियों के मानदेय में चला जाता
3 करोड़ खर्च होते वन्यजीवों के भोजन व रखरखाव में
54 लाख से खरीदी गईं पर्यटकों के लिए दो वातानुकूलित बसें
500 पर्यटक प्रतिदिन पहुंचते, रविवार को संख्या होती 1000 तक
250 रुपये वयस्क की टिकट दर, बच्चों के लिए 65 रुपये है
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