बच्चों को बैड टच और गुड टच का अंतर बताने वाला पाठ्यक्रम बने, राज्यसभा में उठी मांग
/file/upload/2025/12/8840579234972811051.webpबच्चों को बैड टच और गुड टच का अंतर बताने वाला पाठ्यक्रम बने, राज्यसभा में उठी मांग
पीटीआई,नई दिल्ली। बच्चों को यौन शोषण की घटनाओं से बचाने के लिए स्कूलों में सुरक्षित बचपन की परिकल्पना को पुष्ट करने वाला पाठ्यक्रम पढ़ाई में शामिल किया जाना चाहिए।
राज्यसभा में यह मांग भाजपा के सदस्य अनिल सुखदेव राव बोंडे ने की है। कहा, इस पाठ्यक्रम में गुड टच और बैड टच का अंतर बताते हुए जागरूकता पैदा करने जैसी बातें होंगी।
राज्यसभा में प्राइवेट बिल पर चर्चा में कहा गया कि प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल आफेंसेज एक्ट (पोक्सो) 2012 में संशोधन की जरूरत है।
चर्चा में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की वार्षिक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा गया कि बच्चों के साथ हुए कुल 1.77 लाख अपराधों में से 70 हजार यौन अपराध थे।
बोंडे ने कहा, ये केवल आंकड़े नहीं हैं बल्कि बचपन को कैसे कुचला और प्रताड़ित किया जा रहा है, उसकी तस्वीर है। यह हमारे भविष्य को नुकसान पहुंचाने वाली बात है। इसलिए कानून में बदलाव कर बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाया जाना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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