LHC0088 Publish time 2025-12-6 10:36:46

Saran News: सुबह बच्चे को जन्म दिया, दोपहर में नवजात को गोद में लेकर महिला ने दी परीक्षा

/file/upload/2025/12/6670120432708782036.webp

सात घंटे पहले बनी मां… दोपहर में पहुंच गई परीक्षा देने। फोटो जागरण



जागरण संवाददाता, छपरा। जयप्रकाश विश्वविद्यालय की स्नातक पार्ट-प्रथम (विशेष) परीक्षा के दौरान शुक्रवार को ऐसा दृश्य सामने आया,जिसने पूरे परीक्षा केंद्र का माहौल भावुक कर दिया।

एकमा के जितेंद्र राय और बसंती देवी की पुत्री नेहा कुमारी ने सुबह करीब पांच बजे एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया और ठीक साढ़े 12 बजे नवजात को गोद में लेकर वह परीक्षा देने जयप्रकाश महिला महाविद्यालय, छपरा पहुंच गई। नेहा की स्थिति को देखते हुए केंद्राधीक्षक और कालेज प्रशासन ने तत्काल विशेष व्यवस्था की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उसके लिए गाड़ी को ही अस्थायी परीक्षा कक्ष घोषित कर दिया गया, ताकि नवजात की सुरक्षा और मां की सुविधा दोनों बनी रहे। दोपहर 1:15 बजे शुरू हुई दूसरी पाली की परीक्षा में नेहा ने नवजात को गोद में थामे हुए उत्तरपुस्तिका लिखना शुरू किया। यह दृश्य किसी के लिए भी साधारण नहीं था; शिक्षक से लेकर परीक्षार्थी तक, हर कोई उसकी अदम्य इच्छाशक्ति का गवाह बन गया।
नवजात को स्वस्थ बताया, तब लिया निर्णय

नेहा, जो गंगा सिंह महाविद्यालय की छात्रा है, बताती है कि प्रसव के बाद जब चिकित्सकों ने उसके बेटे को पूरी तरह स्वस्थ बताया, तभी उसने परीक्षा देने का निर्णय लिया। स्वजन पहले तो इस कदम को लेकर सहज नहीं थे, लेकिन नेहा की पढ़ाई को लेकर प्रतिबद्धता इतनी प्रबल थी कि आखिरकार परिवार भी उसके निर्णय के साथ खड़ा हो गया।
शिक्षक व परीक्षार्थी हुए प्रभावित

परीक्षा केंद्र में मौजूद शिक्षक हों या अन्य परीक्षार्थी, हर किसी नेहा के जज्बे और आत्मबल से प्रेरित हुए। कालेज के प्राचार्य व केंद्राधीक्षक डा. किरण कुमारी ने कहा कि नेहा जैसी छात्राएं सचमुच समाज के लिए मिसाल हैं।

उन्होंने कहा परिस्थितियां कितनी भी चुनौतीपूर्ण हों, शिक्षा के प्रति समर्पण यदि मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं। नेहा की यह कहानी सिर्फ एक परीक्षा देने की नहीं, बल्कि मातृत्व और शिक्षा दोनों जिम्मेदारियों को एक साथ निभाने की मिसाल है।

नवजात को गोद में थामे एक मां का परीक्षा केंद्र तक पहुंचना यह साबित करता है कि हिम्मत और दृढ़ संकल्प से बढ़कर कोई बाधा नहीं।इसका यह कदम न सिर्फ परीक्षा केंद्र में मौजूद लोगों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा है कि हालात चाहे कितने भी विपरीत हों, मन में लगन हो तो रास्ते खुद बन जाते हैं।
Pages: [1]
View full version: Saran News: सुबह बच्चे को जन्म दिया, दोपहर में नवजात को गोद में लेकर महिला ने दी परीक्षा

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com