cy520520 Publish time 2025-12-6 16:44:44

अन्नशुद्धि पदयात्रा: 4,000 किमी पैदल चले और जगाई शुद्ध भोजन की अलख... अलग है गौरव की यात्रा

/file/upload/2025/12/8447645170862706971.webp

भारत अन्नशुद्धि पदयात्रा में शामिल गौरव त्यागी व अन्य सहयोगी। सौ. स्वयं



जागरण संवाददाता, मेरठ। किसान का बेटा निकला तो अनाज शुद्ध करने की मुहिम लेकर… और पहुंच गया कश्मीर से कन्याकुमारी तक। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी गौरव त्यागी द्वारा शुरू की गई \“ भारत अन्नशुद्धि पदयात्रा\“ कन्याकुमारी में ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुई। 26 जून को श्रीनगर के लाल चौक से प्रारंभ हुई यह यात्रा कृषि, खाद्य शुद्धता और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का देशव्यापी अभियान बन गई। लगभग 4,000 किलोमीटर की यह पदयात्रा 160 दिन में पूरी हुई, जिसके दौरान गौरव त्यागी रोजाना 30 से 32 किलोमीटर पैदल चले और गांवों-शहरों में किसानों, युवाओं और नागरिकों से संवाद स्थापित करते हुए आगे बढ़ते रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

गौरव की इस यात्रा का उद्देश्य लोगों को रसायन-मुक्त भोजन अपनाने और किसानों को जैविक खेती के साथ अपने उत्पाद सीधे बाजार तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना था। यात्रा के दौरान एक लाख से अधिक लोग व्यक्तिगत रूप से जुड़े जिनमें करीब 60 हजार छात्र-युवा, 40 हजार से अधिक किसान और लगभग 10 से 15 हजार नागरिक शामिल रहे। कई स्थानों पर जागरूकता सभाएं, कृषक संवाद, स्कूल कार्यक्रम और समाजिक चर्चाएं आयोजित की गईं। गौरव ने हजारों बच्चों को जंक फूड छोड़ने और पौष्टिक भोजन अपनाने की शपथ दिलाई।

कश्मीर से कन्याकुमारी—पांच महीने का सफर, अनगिनत मुलाकातें और किसान चेतना की लहर
यात्रा श्रीनगर से शुरू होकर लाल चौक, अवंतीपुरा, काजीगुंड, बनिहाल, रामबाण, चंद्रकोटे, उधमपुर, मानसर लेक होते हुए सांबा, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से गुजरती हुई तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समाप्त हुई।

मार्ग में पांपोर के केसर उगाने वाले किसानों, हापुड़–मेरठ–गाजियाबाद–दिल्ली–नोएडा क्षेत्र के कृषकों सहित देश के अनेक भागों में जैविक खेती करने वालों से उन्होंने विस्तृत चर्चा की और उन्हें अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया। यात्रा के पहले ही चरण में उसका प्रभाव देखने को मिला। श्रीनगर में स्थानीय एसएसपी स्वयं कई किलोमीटर पैदल चलकर उनके साथ जुड़े और यात्रा का उत्साह बढ़ाया। शहर-शहर, गांव-गांव लोग उनसे जुड़े, सहायता की, साथ चले और अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

बीमारी ने बदला जीवन, आर्गेनिक अनाज ने दिया नया रास्ता
मूल रूप से हापुड़ जिले के हैदरपुर गांव के निवासी गौरव त्यागी के जीवन का यह प्रयास यूं ही नहीं शुरू हुआ। एमसीए की पढ़ाई के दौरान उन्हें इम्यून थ्राम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (आईडीपी) बीमारी का सामना करना पड़ा, इलाज में तिल निकालने तक की स्थिति आई। इसी दौरान चिकित्सकीय सुझाव में उन्होंने आर्गेनिक भोजन अपनाया और स्वयं स्वास्थ्य सुधार अनुभव किया। इसके बाद पिता मुकेश त्यागी के साथ आर्गेनिक खेती शुरू की, ‘शुद्धग्राम’ ब्रांड बनाया और आनलाइन माध्यम से अनाज ग्राहकों तक पहुंचाना प्रारंभ किया।

अब यह विचार उन्होंने पूरे देश के किसानों तक पहुंचाने का संकल्प लिया कि किसान अपनी उपज खुद बेचें, तभी असली लाभ मिलेगा। उनका उद्देश्य शुद्ध अन्न, स्वस्थ भारत और सशक्त किसान बनाने में योगदान देने का है।

यह रहे यात्रा के प्रमुख संकल्प
-हर नागरिक को शुद्ध, प्राकृतिक व रसायन-मुक्त भोजन के प्रति जागरूक करना
-जैविक खेती को बढ़ावा देकर मिट्टी व पर्यावरण को सुरक्षित रखना
-किसानों को सीधे उपभोक्ताओं तक उत्पाद बेचने की प्रेरणा देना
-आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना
Pages: [1]
View full version: अन्नशुद्धि पदयात्रा: 4,000 किमी पैदल चले और जगाई शुद्ध भोजन की अलख... अलग है गौरव की यात्रा

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com