LHC0088 Publish time 2025-12-6 17:39:16

राजस्थान से तस्करी कर हरियाणा लाया जा रहा विस्फोटक! कहीं फिर न हो जाए दिल्ली ब्लास्ट जैसा आतंकी हमला

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बलवान शर्मा, नारनौल। महेंद्रगढ़ जिला दक्षिण हरियाणा में खनन को लेकर सबसे बड़ा माना जाता है। जिले में वर्तमान में दस खनन जोन वैद्य रूप से चल रहे हैं। जबकि करीब 50 से अधिक खनन पर पिछले दिनों एनजीटी के आदेश पर रोक लगाई हुई। इसके बावजूद अवैध खनन खूब हो रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जैनपुर की पहाड़ी में लोह अयस्क होने की वजह से यहां पर अवैध खनन की शिकायतें कई बार आ चुकी हैं। एनजीटी द्वारा इस क्षेत्र को खनन के लिए प्रतिबंधित किया हुआ है। इसके बावजूद 20 जनवरी 2022 को यहां पर अवैध खनन के दौरान चट्टान के नीचे दबने से एक मजबूर की मौत हो गई थी और 2-3 घायल हो गए थे।

कहने को तो विस्फोटकों का इस्तेमाल करने को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की हुई हैं, लेकिन अवैध खनन में अवैध रूप से विस्फोटकों का इस्तेमाल साबित कर रहा है कि इन गाइडलाइन की धज्जियां समय-समय पर उड़ाई जाती रही हैं।

इन विस्फोटकों का आतंकी घटनाओं में इस्तेमाल होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिला राजस्थान सीमा से सटा होने की वजह से राजस्थान के पाटन और जयपुर से अवैध रूप से विस्फोटक सामग्री जिले में बिक्री की जाती रही है। जिला प्रशासन कई बार बड़े स्तर पर विस्फोटक सामग्री पकड़ चुका है।

2021 में जिला पुलिस ने बीते वर्ष जयपुर से आई विस्फोटक सामग्री पकड़ी थी तो 2019 में पाटन (राजस्थान) से लाई गई विस्फोटक सामग्री पकड़ी थी। 2019 में नांगल चौधरी पुलिस ने 208 छड़े जैलेटिन (एमोनियम नाइट्रेट), दो पैकेट सफेद पालीथिन में सफेद दानेदार पदार्थ, जिस पर ऑप्टीजेल 83 एमएम एक्स 2.08 केजी लिखा हुआ था।

इसमें क्लास टू एक्सप्लोसिव एमोनियम नाइट्रेट भरा हुआ था। दो बंडल सेफ्टी फ्यूज बारंग नीला, दो बंडल डेटोनेट्रिग फ्यूज, 33 डेटोनेटर बरामद हुए थे। सतनाली पुलिस ने 11 जून 2021 को डीएफ (तार नमूना) लाल चार मीटर की चार टोपी टाइप भाफ डरनोटोर, 12 नग गुल्ली मार्का राजपावर 90 बारूद बरामद किया था।

जांच करने पर पता चला था कि यह विस्फोटक सामान जयपुर से लाया गया था। जनवरी 2022 में हुए जैनपुर हादसे में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक भी पाटन से लाया गया था। इसके बाद 30 अप्रैल 2024 पुलिस ने लगभग चार क्विंटल विस्फोटक पदार्थ, 190 डेटोनेटर और 750 मीटर वायर बरामद की थी। जाहिर है कि ऐसे में विस्फोटक सामग्री का इस तरह हो रहा इस्तेमाल किसी आतंकी के हाथ पड़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
जिले में हैं 30 विस्फोटक मैगजीन के लाइसेंस धारी

महेंद्रगढ़ जिले में खनन इस्तेमाल के लिए 30 फर्मों ने लाइसेंस लिया हुआ है। इन फर्मों के जरिये विस्फोटक सामग्री खनन कंपनियों को उपलब्ध करवाई जाती है। कहने को तो विस्फोटक सामग्री निर्धारित अवधि में 48 घंटे से पहले-पहले खनन कंपनी तक पहुंचनी चाहिए। कितनी सामग्री प्रतिदिन इस्तेमाल हुई और कितना स्टाक शेष है, इन तमाम कार्यों का रिकार्ड मेनटेन करना जरूरी होता है।

असल में नियमानुसार खनन कंपनी को उपलब्ध करवाए जाने वाली विस्फोटक सामग्री का रिकार्ड तो दर्ज कर लिया जाता है, लेकिन रिकार्ड में खनन कंपनी इस्तेमाल का डाटा अधिक दर्शा देती हैं। हर रोज विस्फोटक सामग्री काफी मात्रा में बचा ली जाती है और बाद में महंगे दामों में बेच दिया जाता है। यह कार्य पहाड़ी क्षेत्रों में गुपचुप तरीके से किया जाता है, ताकि निगरानी रखने वाले सिस्टम की आंखों में धूल झोंकी जा सके।
जिले में हैं खाद की 550 दुकानें

फरीदाबाद में यूरिया से विस्फोटक बनाने की घटना सामने आई थी। हालांकि इस घटना में नूंह से यूरिया खरीदने की बात सामने आई थी। जिले में खाद की 550 दुकाने हैं। इन पर निगरानी न के बराबर है।

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हमारा ऑपरेशन हाॅटस्पाॅट चल रहा है। इसके तहत जल्द ही जिले के खनन जोन में विस्फोटक सामग्री की जांच पड़ताल की जाएगी। अवैध रूप से विस्फोटक बेचने और खरीदने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।



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- भारत भूषण, डीएसपी, मुख्यालय
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