deltin33 Publish time 2025-12-6 17:39:21

औरंगाबाद के जंगल में अवैध अफीम की खेती का खुलासा, पुलिस और वन विभाग ने दो एकड़ में लगी फसल नष्ट की

/file/upload/2025/12/2140634712614083224.webp

अवैध अफीम की खेती का खुलासा



जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। जिले के मदनपुर व देव प्रखंड के जंगल एवं पहाड़ी क्षेत्रों में मादक पदार्थ तस्करों द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध रूप से अफीम की खेती करने का मामला उजागर हुआ है। नारकोटिक्स विभाग को सूचना मिली है कि जंगल की तराई और दुर्गम इलाकों में अफीम के तस्करों ने जंगल में रहने वाले ग्रामीणों के सहयोग से अफीम की फसल उगाई जाती है।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जानकारी मिलने के बाद वन विभाग और पुलिस सक्रिय हुई। बुधवार को वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने मदनपुर के घने जंगल क्षेत्र में अभियान चलाकर करीब दो एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया है। इससे पहले नौ एकड़ क्षेत्र में अफीम की फसल को नष्ट किया गया है।
कई हिस्सों में खेती किए जाने की संभावना

अधिकारियों का कहना है कि अभी कई हिस्सों में खेती किए जाने की संभावना है, जिसकी पहचान ड्रोन सर्वे के माध्यम से की जा रही है। जिन स्थानों पर फसल पाई जाएगी, वहां पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम तत्काल विनष्टीकरण अभियान चलाएगी।

वन विभाग के अधिकारी मनोज मिश्रा और मदनपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार के अनुसार सूचना मिलते ही टीम मौके पर भेजी जाती हैं और फसल नष्ट किए जाने के साथ ही संबंधित आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी होती है।
2024 में अफीम की फसल हुआ था विनष्ट

वर्ष 2024 में देव और मदनपुर के जंगल क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती पकड़ी गई थी। उस दौरान लगभग 85 एकड़ में फैले अवैध फसल को नष्ट किया गया था। नौ को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके बावजूद इस वर्ष फिर से अफीम की बुवाई का मामला सामने आने से तस्करों के सक्रिय नेटवर्क की पुष्टि होती है।

जानकारी के अनुसार गयाजी के छकरबंदा जंगल में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है, जिसे औरंगाबाद पुलिस अपने क्षेत्राधिकार के बाहर होने के कारण नष्ट नहीं कर पाती है।
झारखंड से जुड़ा है तार

पुलिस की जांच से पता चला है कि अफीम की फसल लगवाने वाले तस्करों का तार स्थानीय जंगल में रहने वाले ग्रामीणों से लेकर झारखंड तक फैला है।

अफीम की बीज झारखंड से मंगाई जाती है और तस्कर ग्रामीणों की मदद से जंगल के अंदरूनी हिस्सों में खेती कराते हैं। सिंचाई से लेकर सुरक्षा तक की व्यवस्था फसल करवाने वाले तस्कर करते हैं, जबकि मजदूरी और देखरेख के लिए स्थानीय लोगों को लगाया जाता है।
नौ आरोपितों को भेजा गया है जेल

अफीम की फसल की खेती कराने के मामले में मदनपुर थाना पुलिस ने सात और ढिबरा थाना पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस का कहना है कि जंगलों में हो रही अवैध अफीम की खेती पर पूरी तरह रोक लगाने का प्रयास किया जाएगा।
Pages: [1]
View full version: औरंगाबाद के जंगल में अवैध अफीम की खेती का खुलासा, पुलिस और वन विभाग ने दो एकड़ में लगी फसल नष्ट की

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com