‘भ्रम पैदा करने की कोशिश हो रही है’, नेशनल हेराल्ड मामले में ED के नोटिस पर बोले डीके शिवकुमार
Delhi: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को एक नोटिस जारी कर यंग इंडियन (वाईआई) को दिए गए दान से जुड़ी पूरी वित्तीय और लेन-देन संबंधी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा है। 29 नवंबर को जारी इस नोटिस में शिवकुमार को 19 दिसंबर तक ये दस्तावेज जमा करने को कहा गया है।EOW ने शिवकुमार की पर्सनल जानकारी, कांग्रेस पार्टी से उनके राजनीतिक जुड़ाव और कथित तौर पर यंग इंडियन को भेजी गई रकम के स्रोत, उद्देश्य और अंतिम उपयोग के बारे में जानकारी मांगी है। नोटिस में यह भी पूछा गया है कि क्या ये लेन-देन किसी तीसरे पक्ष के निर्देश पर किए गए थे।
शिवकुमार ने भेजे गए नोटिस पर दी प्रतिक्रिया
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जवाब में, शिवकुमार ने समन को “चौंकाने वाला“ बताया और कहा कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच के दौरान यह जानकारी पहले ही दे दी थी। उन्होंने कहा, “इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यह हमारी संस्था है। हम कांग्रेसियों ने इस संस्था का समर्थन किया है। सब कुछ साफ है।“ उन्होंने आगे कहा कि वह इस नोटिस को कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को परेशान करने वाला मानते हैं।
#WATCH | Bengaluru: Karnataka Deputy CM DK Shivakumar says, “It is very shocking to me. I had given all the details to the ED. ED had also summoned my brother and me. We had given all the notice. There is nothing wrong. It is our institution. We, as congressmen, have also… https://t.co/Rh8ASQWB0H pic.twitter.com/asYWxr2Cxk — ANI (@ANI) December 6, 2025
उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए बेहद चौंकाने वाला है। मैंने ईडी को सारी जानकारी दे दी थी। ईडी ने मेरे भाई और मुझे भी तलब किया था। हमने सभी को नोटिस दिया था। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यह हमारी संस्था है। हम कांग्रेसियों ने भी संस्था का समर्थन किया है... इसमें लुका-छिपी जैसा कुछ नहीं है। सब कुछ साफ है। मुझे नहीं पता कि ईडी द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने के बाद भी पुलिस को मामला दर्ज करने की जरूरत क्यों नहीं पड़ी।“
शिवकुमार ने कहा, “हम इस मामले को उठाएंगे और कानून की अदालत में लड़ेंगे। यह उत्पीड़न है,यह हमारा पैसा है। हम टैक्स चुकाने के बाद इसे किसी को भी दे सकते हैं। इसमें कुछ भी शामिल नहीं है। PMLA का मामला पहले ही खत्म हो चुका है... वे पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुके हैं, तो वे और क्या कर सकते हैं? सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सभी समर्थकों को परेशान करने के लिए वे भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।“
बता दें कि यह मामला ED की मुख्य जांच इकाई द्वारा दर्ज की गई शिकायत से उत्पन्न हुआ है। इसी शिकायत के आधार पर 3 अक्टूबर को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज की गई, जिसमें आरोप है कि उन्होंने यंग इंडियन के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स को धोखाधड़ी से हासिल करने की साजिश रची।
जांचकर्ता शिवकुमार के वित्तीय विवरण, आयकर रिटर्न, दान प्रमाण पत्र और उनके या उनसे जुड़ी संस्थाओं द्वारा किए गए किसी भी योगदान की पूरी जानकारी मांग रहे हैं।
EOW की जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या धनराशि तीसरे पक्ष के निर्देशों के तहत ट्रांसफर की गई थी और क्या शिवकुमार को उनके अंतिम उपयोग के बारे में पता था।
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