AI से लेकर BrahMos तक, साइंस फेस्टिवल में भविष्य की टेक्नोलाॅजी का सुपर शो, ISRO और DRDO के वैज्ञानिकों से सीधी बातचीत
/file/upload/2025/12/6395248947162809174.webpजागरण संवाददाता, पंचकूला। इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) के पहले दिन शनिवार को विज्ञान के प्रति उत्सुकता का अनोखा माहौल देखने को मिला। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और युवा शोधार्थी फेस्टिवल स्थल पर पहुंचे, जहां उन्हें इसरो और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से सीधी बातचीत करने का अनूठा अवसर मिल रहा है। एआई से लेकर ब्रह्मोस तक भविष्य की टेक्नोलाॅजी का सुपर शो देखने को मिला।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विज्ञान और नवाचार की नवीनतम उपलब्धियों को समझने के लिए दर्शकों का उत्साह साफ झलक रहा है। आईआईटीएम पुणे के निदेशक डाॅ. सूर्यचंद्र राव ने बताया कि फेस्टिवल में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष सत्र रखा गया है।
/file/upload/2025/12/2205837944697124218.jpg
मई 2025 में पहलगाम हमले के बाद इंडियन एयरफोर्स द्वारा चलाए गए इस जवाबी अभियान में स्वदेशी तकनीक अकाश एयर डिफेंस सिस्टम, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, स्काईस्ट्राइकर सुसाइड ड्रोन और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम का उपयोग कर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था। वरिष्ठ वैज्ञानिक इस अभियान की तकनीकी बारीकियों को साझा करेंगे, जो आत्मनिर्भर भारत की रक्षा क्षमता का सशक्त उदाहरण है।
इसके अलावा ‘सागरिका वन’ सत्र में ‘मत्स्य-6000’ मानवयुक्त पनडुब्बी और 6,000 मीटर गहराई तक समुद्री यात्रा से जुड़े वैज्ञानिक अनुभव बताए जा रहे हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलाॅजी द्वारा विकसित यह पनडुब्बी 2026 तक गहरे समुद्र में मानव भेजने में सक्षम होगी, जिससे ब्लू इकोनाॅमी को बढ़ावा मिलेगा।
1,000 वैज्ञानिक, जिनमें 200 वरिष्ठ वैज्ञानिकों का अनुभव
/file/upload/2025/12/2051511399331233117.jpg
पहली बार डाॅक्टरों और वैज्ञानिकों का संयुक्त सत्र आयोजित हो रहा है, जिसमें एआई आधारित स्वास्थ्य तकनीक पर चर्चा होगी। करीब 1,000 वैज्ञानिक, जिनमें 200 वरिष्ठ वैज्ञानिक शामिल हैं, अपने स्टार्टअप अनुभव और शोध यात्राएं साझा कर रहे हैं।
कश्मीर से अंडमान तक आए विद्यार्थियों के लिए शॉर्ट टॉक्स, प्रश्न-उत्तर सत्र, साइंस एक्टिविटीज और ओलंपियाड विजेताओं के विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
बड़े विषयों पर प्रमुख सत्र
चंद्रयान तकनीक, ब्रह्मास्त्र मिसाइल, सेमीकंडक्टर, क्वांटम टेक्नोलाॅजी, एआई-एजीआई, न्यूक्लियर एनर्जी, हिमालय में जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर भी प्रमुख सत्र हो रहे हैं। साथ ही समुद्री यान प्रदर्शनी, डिफेंस-स्पेस एक्सपो, हैकाथॉन, साइंस सफारी और ‘वुमन इन साइंस’ जैसी 20 से अधिक थीम आधारित गतिविधियां युवाओं को आकर्षित कर रही हैं।
Pages:
[1]