cy520520 Publish time 2025-12-7 05:36:35

विदेश में थे बेटे, मां ने छुपाया सच! खुद किए हस्ताक्षर, SIR फॉर्म भरने पर मां-बेटों पर दर्ज हुई FIR

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प्रतीकात्‍मक च‍ित्र



जागरण संवाददाता, रामपुर। एसआइआर (विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण) कार्यक्रम के तहत जिले में पहली प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें एक महिला पर अपने विदेश में रहने वाले दो बेटों के एसआइआर फार्म स्वयं भरकर उनके हस्ताक्षर करने का आरोप है। महिला ने जान बूझकर व छलकपट कर बेटों की सहमति से मिथ्या जानकारी के आधार पर गणना प्रपत्रों को भरकर दिया। बीएलओ की ओर से दी तहरीर में पुलिस ने मां और उसके दोनों बेटों को नामजद किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मामला सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र का है। क्षेत्र में इन दिनों बीएलओ और सुपरवाइजर एसआइआर के अंतर्गत मतदाताओं को गणना प्रपत्र भरवा रहे हैं। सुपरवाइजर दिनेश कुमार एसआइआर कार्यक्रम के तहत विधानसभा क्षेत्र 37 रामपुर की भाग संख्या 237 से 248 तक के सुपरवाइजर के रूप मे नियुक्त हैं। उनके सुपरवाइजर क्षेत्र की भाग संख्या 248 पर नितिन अग्रवाल बीएलओ हैं।

बीएलओ द्वारा प्राप्त गणना प्रपत्रों की सुपरवाइजर द्वारा जांच की जा रही है। जांच के दौरान पाया गया कि भाग संख्या 248 की क्रम संख्या 646 पर दर्ज आमिर पुत्र मुस्ताक हुसैन व क्रम संख्या 648 पर दर्ज दानिश खां पुत्र मुस्ताक हुसैन का गणना प्रपत्र भरा गया था, जिसमें उनका निवास पानी की टंकी के सामने ज्वालानगर दर्शाया गया था। उस पर दोनों के हस्ताक्षर भी किए गए थे।

सुपरवाइजर को शक होने पर स्थलीय निरीक्षण किया गया। तब पता चला कि दोनों भाई काफी समय से यहां नहीं रहते हैं। दानिश कुवैत और आमिर दुबई में रहता है। दोनों के गणना प्रपत्र उनकी मां नूरजहां ने भरे थे और उनके हस्ताक्षर भी स्वयं कर दिए थे। झूठा प्रपत्र भरकर बीएलओ को दिया गया, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 का उल्लंघन है।

सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि इस मामले में दो भाइयों व मां के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। उधर, उपजिला निर्वाचन अधिकारी संदीप कुमार वर्मा ने बताया कि जांच में पाया कि इन दोनों व्यक्तियों के तथ्यों को छिपाते हुए अनुचित रूप से उनके नाम से गणना प्रपत्र प्रस्तुत किए गए, जो निर्वाचन नियमों का घोर उल्लंघन है।
किस धारा में कितनी सजा का प्रविधान

[*]बीएनएस की धारा 237 - झूठी घोषणा करना। इसमें तीन साल की सजा का प्रविधान है।
[*]बीएनएस की धारा 318 (2) - धोखाधड़ी कर विश्वास का उल्लंघन करना। इसमें पांच साल की सजा का प्रविधान है।
[*]जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 - छह माह की सजा का प्रविधान है।





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