cy520520 Publish time 2025-12-7 11:06:48

दिल्ली के छह नए ICU अस्पतालों में फर्जी फायर डोर लगाने का खुलासा, कंपनी दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट

/file/upload/2025/12/6216209177148041701.webp

चाचा नेहरू अस्पताल की निर्माणाधीन बिल्डिंग। जागरण



राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों सतर्क हैं, जिसके चलते नए आइसीयू अस्पतालों में अग्निरोधी दरवाजे लगाने के मामले में बड़ा घोटाला होते होते बच गया।

दिल्ली के छह अस्पताल में जिस कंपनी को दरवाजे लगाने का काम दिया गया था उसने घटिया गुणवत्ता वाले दरवाजे बगैर अग्निरोधी दरवाजे लगा दिए। विभाग ने कंपनी को दो साल के लिए काली सूची में डाल दिया है। इस दौरान कंपनी लोक निर्माण विभाग में कोई भी काम नहीं कर सकेगी। इसके साथ ही कंपनी के भुगतान पर भी रोक लगा दी गई है।

दिल्ली सरकार की सात नए आइसीयू अस्पताल बनाने की योजना है, जिसमें 6836 बेड की सुविधा होगी। इनमें से किराड़ी को छोड़कर छह अस्पताल का काम साल 2020-21 में शुरू किया गया था। लगभग सभी अस्पतालों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लगते हैं नान इन्सुलेटेड मेटल फायर डोर

अफसरों का कहना है कि आइसीयू अस्पतालों में नान इन्सुलेटेड मेटल फायर डोर लगाए जाते हैं। जो अग्निरोधी होते हैं, ताकि आग लगने पर मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। शालीमार बाग, सुल्तानपुरी, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, सरिता विहार और रघुवीर नगर आईसीयू अस्पताल में भी इसी किस्म के दरवाजे लगाने के लिए ठेकेदार को काम दिया गया था।

ठेकेदार ने दरवाजे भी उपलब्ध करा दिए और उन्हें अस्पतालों में लगा भी दिया। लेकिन, जब दरवाजों की गुणवत्ता जांच की गई तो पता चला कि एजेंसी ने जो दरवाजे लगाए हैं वह अग्निरोधी नहीं हैं। इनकी गुणवत्ता भी खराब है।

दरवाजों पर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जो स्टिकर लगे होते है, वह भी उन पर मौजूद नहीं थे, ताकि दरवाजे की गुणवत्ता के बार में किसी को कुछ पता न चले। अफसरों का कहना है कि टेंडर की शर्तों में भी इसी तरह के दरवाजे का जिक्र किया गया है।

लेकिन, एजेंसे ने धोखाधड़ी की है और घटिया किस्म के दरवाजे आपूर्ति कर दिए। इसलिए एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर उसके खिलाफ थाने में शिकायत दी गई है। इस मामले की अब गंभीरत से जांच के आदेश दिए गए हैं।
शुरू से ही विवादों में रहा इन अस्पतालों का निर्माण

इन सात अस्पतालों का निर्माण उस समय कोरोना महामारी को देखते हुए शुरू कराया गया था। उस समय की आप सरकार ने दावा किया था कि 6 माह के अंदर अस्पताल तैयार हो जाएंगे। मगर यह पांच साल बाद भी तैयार नहीं हो सके हैं।

इन्हें लेकर शुरू से विवाद इसलिए रहा कि जिस अधिकारी ने जिस दिन इन सात अस्पतालों का काम कंपनियों को देने का वर्क अवार्ड किया। वह उसी दिन सेवानिवृत्ति होने वाला था। उस समय की भारतीय जनता पार्टी ने इसे लेकर सवाल उठाया था और इस मामले की अभी एसीबी जांच चल रही है।
पूर्व सरकार तय नहीं कर पा रही थी भविष्य

कोरोना कल के समाप्ति के बाद इन अस्पतालों का निर्माण कार्य धीमा हो गया था। पूर्व की सरकार ने इन अस्पतालों को पिछले दो सालों तक बजट तक नहीं दिया था और सरकार यह भी तय नहीं कर पा रही थी कि इनको किस रूप में चलाया जाए।

दिल्ली में भाजपा सरकार के आने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इन्हें आइसीयू बेड के तौर पर ही शुरू करने की घोषणा की थी। उसके बाद से काम में कुछ तेजी आई है और इस बार बजट में इनका निर्माण कर पूरा करने के लिए कुछ फंड भी जारी हुआ है।
यहां बनाए जा रहे हैं नए आईसीयू अस्पताल

नए आईसीयू अस्पतालों की क्षमता


    स्थान आईसीयू बेड क्षमता


   सरिता विहार
   336


   रघुवीर नगर
   1565


   शालीमार
   1430


   सुल्तानपुरी
   525


   चाचा नेहरू
   610


   गुरु तेग बहादुर
   1912




नोट: किराड़ी में 458 बेड का आईसीयू अस्पताल बनना है, लेकिन अभी काम शुरू नहीं हो सका है।
Pages: [1]
View full version: दिल्ली के छह नए ICU अस्पतालों में फर्जी फायर डोर लगाने का खुलासा, कंपनी दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com