Chikheang Publish time 2025-12-7 14:07:43

कामगारों को हायर करने के लिए नहीं पड़ेगा भटकना, गाजियाबाद में तीन जगहों पर बनेंगे श्रमिक सुरक्षा केंद्र

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नासिरपुर फाटक स्थित लेबर चौक पर बैठे मजदुर। जागरण आर्काइव



हसीन शाह, गाजियाबाद। प्रदेश सरकार ने श्रमिकों की तकदीर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के साथ अब उनके अड्डे के स्वरूप भी बदल जाएंगे। नगर निगम ने शहर में तीन स्थानों पर श्रमिक सुरक्षा केंद्र बनाने के लिए भूमि चिह्नित की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अर्थला, बोंझा और जगोला(राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन के पास) पर दो-दो हजार वर्ग फीट भूमि पर श्रमिक सुरक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। इससे न केवल श्रमिकों को सुविधा होगी बल्कि शहर के लोगों को कामगारों को हायर करने के लिए जगह-जगह नहीं भटकना होगा। गाजियाबाद दिल्ली से सटा ऐसा जिला जहां पर आसपास के जिलों के साथ ही बिहार और पूर्वांचल के कामगार भी बड़ी संख्या में काम करते हैं।

शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर कामगारों के अस्थाई अड्डे हैं। इन अड्डों पर काम की तलाश में प्रतिदिन कामगार एकत्र होते हैं, लेकिन उनके बैठने, आराम करने और शौचालय की सुविधा इन अड्डों पर नहीं है। काम के इंतजार में कई बार कामगारों को सुबह से दोपहर तक इंतजार करना पड़ता है। धूप, वर्षा और सर्दी में कामगारों को परेशानी होती है।

वर्षा होने पर कामगार भीग जात हैं। अड्डों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। श्रम विभाग कामगारों के लिए श्रमिक सुरक्षा केंद्र बनाएगा। श्रम विभाग ने इसके लिए नगर निगम ने भूमि उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा था। निगम ने अर्थला, बोंझा और जगोला में 2000-2000 वर्ग फीट भूमि चिह्नित की है। यहां कामगारों के लिए शौचालय, पेयजल, बैठने आदि की भी व्यवस्था की जाएगी।
कामगारों को नहीं बदलेगा ठिकाना

वर्तमान में कामगारों के अस्थायी अड्डे बन गए हैं। वह आए दिन अड्डा बदल देते हैं। शहर में इंदिरापुरम काला पत्थर रोड, नासिरपुर फाटक के पास, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, कार्टे चौक, पुराना बस अड्डा, नया बस अड्डा, विजय नगर और संजय नगर मंदिर के पास कामगारों ने अस्थायी अड्डे बनाए हुए हैं।

इसके अलावा अन्य स्थान पर भी कामगार खड़े रहते हैं लेकिन अन्य स्थानों पर वह अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। शहर के लोग प्रतिदिन कामगारों को हायर करने के लिए लेबर अड्डे पर जाते हैं लेकिन स्थान पर बदलने की वजह उन्हें कामगार नहीं मिल पाते हैं। श्रमिक सुरक्षा केंद्र बनने के बाद शहर के लोगों को कामगारों को हायर करने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण

जिला - पंजीकृत श्रमिकों की संख्या
गाजियाबाद - 3,691
बुलंदशहर - 4,193
हापुड़ - 3,909
कुल पंजीकरण : 11,793
अब तक कुल पंजीकृत श्रमिक

गाज़ियाबाद: 3,26,488
बुलंदशहर: 3,04,255
हापुड़: 1,81,093
योग: 8,11,836
अभियान के तहत वर्ष 2024–25 में पंजीकरण

जिला - पंजीकरण
गाजियाबाद - 3493
बुलंदशहर - 389
हापुड़ - 304
कुल - 4,186
जिला - लक्ष्य - प्राप्ति - प्रतिशत

गाजियाबाद - 983.42 करोड़ - 966.10 करोड़ - 98 प्रतिशत
बुलंदशहर - 206.07 करोड़, - 188.89 करोड़ - 92 प्रतिशत
हापुड़ - 1555.57 करोड़ - 1227.83 करोड़ - 79 प्रतिशत
कुल प्राप्ति - 1345.07 करोड़ - 1277.77 करोड़ - 95 प्रतिशत
वर्ष 2024-25 में श्रमिकों को योजनाओं का लाभ

योजना - लाभार्थी - धनराशि
कन्या विवाह योजना - 120 - 66 लाख रुपये
मातृत्व और बालिका सहायता योजना - 144 - 40.78 लाख रुपये
शिक्षा प्रोत्साहन योजना - 03 - 18,950 रुपये
मृत्यु सहायता योजना - 27 - 6.75 लाख रुपये
कुल लाभार्थी - 294, 1.13 करोड़ रुपये

नोट : उपरोक्त यह आंकड़ा अप्रैल 2025 तक का है।


कामगारों के लिए श्रमिक सुरक्षा केंद्र बनाने के लिए तीन स्थानों पर भूमि चि़ह्नित की गई है। यह भूमि अर्थला, बोंझा और जगोला में चिह्नित की गई है।



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- विक्रमादित्य सिंह मलिक, नगर आयुक्त
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