ग्रेटर नोएडा में नहीं होगी पानी की दिक्कत, व्यवस्था को सुधारने के लिए अनुभवी कंपनी की मदद लेगा प्राधिकरणम
/file/upload/2025/12/4183086734976205402.webpजागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा व ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गंभीर हो चुकी पेयजल और सीवर की समस्या के समाधान के लिए प्राधिकरण किसी नामचीन कंपनी की सेवाएं लेगा। कंपनी को पेजयल आपूर्ति और सीवर व्यवस्था में सुधार की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वन सिटी वन आपरेटर योजना के तहत कंपनी चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्राधिकरण ने शहर में जलापूर्ति सुधार के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई है। रिपोर्ट तैयार कर रही एजेंसी अर्शिया कंसल्टिंग इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड इसी माह अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। ग्रेटर नोएडा में आबादी बढ़ाने के साथ जलापूर्ति और सीवर की समस्या लगातार बढ़ रही हैं। सीवर ओवर फ्लो का समाधान प्राधिकरण के ठेकेदारों के पास नहीं है। जलापूर्ति को लेकर भी गर्मियों के दौरान गंभीर संकट बना रहता है।
आने वाले समय में यह समस्याएं और गंभीर हो सकती है। इससे निपटने के लिए प्राधिकरण किसी अनुभवी व बड़ी कंपनी की सेवाएं लेने की तैयारी कर रहा है। डीपीआर तैयार कर रही एजेंसी को आवासीय व औद्योगिक सेक्टरों, नलकूप, भूमिगत जलाशय (यूजीआर) और अपर जलाशय (ओवर हेड टैंक) की संख्या व शहर में अब तक बिछाई गई पेयजल पाइप लाइन की लंबाई आदि जानकारी उपलब्ध कराई जा चुकी है।
मास्टर प्लान 2021 के तहत विकास कार्यों का सर्वेक्षण कर कमियों को तलाश किया जाएगा। शहर की मौजूदा आबादी तकरीबन 10-12 लाख के हिसाब से आधारभूत संसाधन को लेकर भी एजेंसी अपनी सुझाव प्राधिकरण को देगी। मास्टर प्लान-2041 के आधार पर एजेंसी से मिलने सुझाव पर काम किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा में 215 नलकूपों की मदद से आवासीय व औद्योगिक सहित सभी श्रेणी के आवंटियों को 215 एमएलडी भूजल और 85 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि जलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए वन सिटी वन आपरेटर योजना पर काम हो रहा है। अनुभवी कंपनी की सेवाएं ली जाएंगी। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए अलग- अलग कंपनी चयनित होगी।
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