cy520520 Publish time 2025-12-7 18:08:14

लुधियाना: बुड्ढा दरिया को मिलेगी गोबर की समस्या से मुक्ति, 22 करोड़ का मेगा प्लान तैयार; जल्द शुरू होगा सफाई अभियान

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लुधियाना में बुड्ढा दरिया को दूषित करने वाले डेयरी गोबर की समस्या का समाधान होने जा रहा है (फोटो: जागरण)



वरिंदर राणा, लुधियाना। बुड्ढा दरिया को दूषित कर रहे डेयरी गोबर को लेकर भी एक राहत की खबर है। निगम की तरफ से पशु डेयरियों से गोबर उठाने के लिए लगाए टेंडर में एक कंपनी आगे आई है।

तीन साल के लिए यह टेंडर कंपनी को दिया जाएगा। कंपनी को पशु डेयरियों से गोबर उठाने का काम करने के साथ उसे साइंटिफिक तरीके से निस्तारण भी करना होगा।

तीन साल के काम के लिए निगम गोबर उठाने वाली कंपनी को 22.16 करोड़ रुपये अदा करेगी। अगले साल जनवरी माह के अंत से यह काम शुरु हो जाएगा। इसके बाद देखना होगा कि आखिरकार अब बुड्ढा दरिया पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगा या नहीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

क्योंकि सरकार के लिए बुड्ंढा दरिया एक चैलेंज बन चुका है, अगले विस चुनाव में सरकार इस क्रेडिट जरूर लेना चाहेगी।

गौरतलब है कि बीते लगभग चार दशक से बुड्ढा दरिया का पानी जहरीला हो चुका है। इसके साफ करने के लिए कई योजनाएं बनी लेकिन सभी फेल साबित हुई।

कांग्रेस सरकार ने बुड्ंढा दरिया को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आठ सौ करोड़ की योजना बनाई थी। इसमें 650 करोड़ रुपये 225 एमएलडी का नया एसटीपी और पुराने एसटीपी की रिपेयर पर खर्च किया जा चुका है। इन प्लांट को दस तक चलाने के लिए निगम अलग से कंपनी को 150 करोड़ रुपये अदा करेगा।

इस तरह यह योजना 800 करोड़ है। वहीं डाइंग इंडस्ट्री की तरफ से अपना पानी साफ करने के लिए तीन सीइटीपी प्लांट लगा रखे है। वह पानी साफ करने के बाद बुड्ढा दरिया में डाल रहे है।

अब सिर्फ पशु डेयरियों से प्रतिदिन निकलने वाला 600 टन गोबर एक समस्या बना हुआ। क्योंकि इसमें 220 टन गोबर बायोगैस प्लांट में चला जाता है, शेष 380 टन गोबर के निस्तारण के लिए कोई प्रबंध नहीं है।

पंजाब में यह पहली गोबर का टेंडर काल किया गया है, क्योंकि ताजपुर रोड पर हालात बद्दतर बन चुके है। यहां पर बायोगैस प्लांट लगाने की योजना बीते तीन साल से अधर में लटक रही है।

अभी जमीन नहीं मिलने के चलते कब तक यह प्लांट लगेगा कुछ पता नहीं। पशु डेयरियों के गोबर को लेकर निगम की तरफ से डेयरी संचालकों के खिलाफ लगभग 50 एफआइआर दर्ज करवाई जा चुकी है।

अब निगम ने गोबर उठाने का टेंडर काल किया था। पहली बार किए टेंडर में रेट बहुत ज्यादा आने से दोबार टेंडर काल किया गया। इसमें एक कंपनी ने हिस्सा लिया है।

कंपनी पहले साल एक टन गोबर उठाने की एवज में 639 रुपये रेट दिया है, जबकि दूसरे साल 5.5 प्रतिशत रेट बढ़ा कर 674.15 रुपये और तीसरे फिर 5.5 प्रतिशत रेट बढ़ाकर 711.23 रुपये रेट दिया गया है।

ओएंडएम निगम एसई ने कहा कि कंपनी की जिम्मेदारी डेयरी के बाहर से गोबर उठाकर उसे किसी जगह पर ले जाना। वहां पर गोबर का साइंटिफिक तरीके से निस्तारण करना है। चाहे गोबर से कोई उत्पाद तैयार करे या फिर उन्हें जहां जरूरत हो वहां भेजे।

निगम की तरफ से टेंडर काल किया गया था, इसमें एक कंपनी ने अपने रेट दिए है। टेंडर खोलने के बाद इसे चंडीगढ़ में भेजा गया है। वहां से अप्रूवल मिलने के बाद एफएंडसीसी से अप्रूवल लेकर कंपनी को वर्क आर्डर जारी किया जाएगा।
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