पारिवारिक कलह ने छीन ली घर की खुशियां!... पिता ने मासूम बेटे-बेटी को जहर देने के बाद खुद भी खा लिया, तीनों की मौत
/file/upload/2025/12/4043407219081535509.webpएक हृदयविदारक घटना में पारिवारिक झगड़े के कारण एक पिता ने अपने बेटे और बेटी को जहर दे दिया, और बाद में खुद भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली। (प्रतीकात्मक फोटो)
संवाद सूत्र, जागरण, हीमपुर दीपा (बिजनौर)। हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र के गांव मुबारकपुर खादर में पिता ने जंगल में लेकर जाकर मासूम बेटा-बेटी को जहर दे दिया और खुद भी खा लिया। बच्चों की अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई, जबकि पिता ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। गांव में सन्नाटा पसर गया है। स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गांव मुबारकपुर खादर निवासी 32 वर्षीय बाबूराम पुत्र रामरतन सब्जी उगाने और बेचने का काम करता था। कुछ साल से उसकी अपनी पत्नी रीता देवी से किसी बात को लेकर अनबन चल रही थी। रीता देवी अपने दोनों बच्चों और पति के साथ तीन दिन पूर्व अपने भाई की शादी में गांव अकौंधा थाना चांदपुर गई थी। बाबूराम गांव के बाहर ही तीनों को छोड़कर वापस आ गया था। इस बीच शादी संपन्न होने के बाद रीता को गुरुवार को उसका भाई मुबारकपुर खादर उसकी ससुराल में छोड़ गया था।
बाबूराम को जब इसका पता चला तो फिर दोनों में विवाद हो गया। शनिवार शाम चार बजे बाबूराम अपने पांच वर्षीय पुत्र दीपांशु तीन वर्षीय पुत्री हर्षिका को जंगल में अपने खेत पर ले गया। उसने अपने बेटा-बेटी को जहरीला पदार्थ दे दिया और खुद भी खा लिया। हालत बिगड़ने पर बच्चों ने शोर मचा दिया। जिस पर पास में ही काम कर रहे गांव के धर्मेंद्र सिंह वहां पहुंचे। जिन्होंने शोर मचाकर ग्रामीणों को इकट्ठा कर लिया और बाबूराम व दोनों बच्चों को उपचार के लिए चांदपुर में धनवंतरि नर्सिंग होम में ले गए।
चिकित्सकों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। कुछ ही देर बाद बाबूराम ने भी दम तोड़ दिया। सीओ देश दीपक चांदपुर में पहुंचकर घटना की जानकारी ली। सीओ ने बताया कि बाबूराम की सात वर्ष पूर्व शादी हुई थी। पिछले कई वर्ष से दंपती में विवाद चल रहा था। इसी घरेलू कलह के चलते उसने यह कदम उठाया है। मृतक बाबूराम अपने माता राजो देवी व पिता का इकलौता पुत्र था, उसकी दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है।
Pages:
[1]