deltin33 Publish time 2025-12-7 22:39:17

पारसनाथ तीर्थ में 27 किमी पैदल वंदना मार्ग जर्जर, नंगे पांव श्रद्धालुओं के पैरों में घुस रही नुकीली गिट्टियां

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पारसनाथ तीर्थ में 27 किमी पैदल वंदना मार्ग जर्जर



संवाद सहयोगी, मधुबन(गिरिडीह)। जैन धर्मावलंबियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ पर्वत स्थित पैदल वंदना मार्ग के जर्जर होने से यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूरे 27 किलोमीटर के इस क्षेत्र में जगह-जगह मार्ग खराब हो चुका हैं। कुछ जगह तो इस कदर खराब हो गया है कि पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बताया जाता है कि पारसनाथ पर्वत स्थित पैदल वंदना मार्ग के जर्जर होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हर तरह का मार्ग जर्जर

बात चाहे कठपुलवा के समीप सीआरपीएफ कैंप की हो, सीतानाला से लेकर गौतम स्वामी टोंक के बीच की सीढ़ियों की हो या फिर डाक बंगला से लेकर वापस सीतानाला की ओर हो। हर तरह का मार्ग जर्जर हो गया है। सीतानाला से गौतम स्वामी टोंक के बीच मार्ग बुरी तरह जर्जर हो गया है। खासकर सीढ़ियां टूट गई हैं।

इन सीढ़ियों से होकर चलने में बहुत परेशानी होती है। कहीं-कहीं सीमेंट इस तरह से बह गया है कि नुकीली गिट्टियां बाहर आ गई हैं। सबसे खास बात यह है कि अधिकांश तीर्थयात्री सुबह-सुबह नंगे पैर ही पर्वत वंदना पर निकलते हैं लिहाजा इन नुकीली गिट्टियों से उन्हें काफी दिक्कत होती है।
समय-समय पर मरम्मतीकरण का काम

जानकारों का कहना है कि पहले जैन संस्थाएं पथ निर्माण की अनुमति लेकर इन मार्गों की मरम्मत कराती थी और जरूरत के अनुसार समय-समय पर मरम्मतीकरण का काम चलता रहता था।

वर्ष 2021 में झारखंड सरकार ने वंदना पथ का निर्माण कराया था। जगह-जगह शेड लगाए गए थे। वर्ष 2023 में भी डाकबंगला से गोरा बंगला के बीच तथा अन्य जगहों में काम हुआ था लेकिन उन सभी का रास्ता इस कदर जर्जर हो गया है कि उस पर चलना मुश्किल है।
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