LHC0088 Publish time 2025-12-8 02:12:59

रिचा इंडस्ट्रीज मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, गुरुग्राम-फरीदाबाद में 8 ठिकानों पर छापा

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ईडी ने ऋचा इंडस्ट्रीज मामले में गुरुग्राम और फरीदाबाद में की छापेमारी।



गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 के तहत 03 और 04 दिसंबर 2025 को बड़ी कार्रवाई करते हुए रिचा इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) से जुड़े गुरुग्राम और फरीदाबाद के आठ रिहायशी व व्यावसायिक परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई कंपनी के प्रमोटर संदीप गुप्ता, मनीष गुप्ता, सुशील गुप्ता और उनकी सहयोगी कंपनियों के विरूद्ध की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ईडी ने यह जांच सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की है। आरोप है कि वर्ष 2015 से 2018 के बीच आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों के जरिए आरोपियों ने खुद को गलत लाभ पहुंचाया और बैंकों को करीब 236 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।जांच में सामने आया कि प्रमोटरों ने रिचा इंडस्ट्रीज की संपत्तियों को निकालने और कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) को प्रभावित करने के लिए साजिश रची।

आरोप है कि उन्होंने एक शेल कंपनी सारिगा कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड बनाई, जिसमें रिचा इंडस्ट्रीज के एक पूर्व कर्मचारी को बेनामी के रूप में इस्तेमाल किया गया। इसके जरिए कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) में गलत तरीके से वोटिंग अधिकार हासिल कर दिवालिया प्रक्रिया को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश की गई।

ईडी के अनुसार, दिवालिया प्रक्रिया के दौरान प्रमोटरों ने नियमों के विरूद्ध कंपनी के संचालन पर नियंत्रण बनाए रखा, गैरकानूनी समझौते किए और वेतन/भुगतान भी लिया। इस मामले में रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अरविंद कुमार पर भी प्रमोटरों से मिलीभगत के आरोप लगे हैं। बताया गया है कि कई संदिग्ध लेन-देन सामने आने के बावजूद उन्होंने कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया।

जांच में यह भी सामने आया कि अपराध से अर्जित धन को एससीपीएल के माध्यम से घुमाया गया, जिसने बाद में रिचा इंडस्ट्रीज को दोबारा हासिल करने के लिए रिज़ॉल्यूशन प्लान भी दाखिल किया। इसके अलावा, प्रमोटर संदीप गुप्ता, मनीष गुप्ता और श्वेता गुप्ता पर व्यक्तिगत दिवालियापन कार्यवाही के दौरान संपत्ति की जानकारी छुपाकर फर्जी हलफनामे देने का आरोप है।

तलाशी के दौरान ईडी ने कई डिजिटल उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज, वित्तीय रिकॉर्ड, फर्जी हलफनामे और फंड डायवर्जन से जुड़े सबूत जब्त किए हैं। साथ ही प्रमोटरों व उनसे जुड़े लोगों के कई बैंक खातों को 40 लाख रुपये से अधिक की राशि के साथ फ्रीज किया गया है। इसके अलावा 8 लाख रुपये नकद और चार हाई-एंड वाहन भी जब्त किए गए हैं।ईडी ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।
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