ठंड में सिकुड़ रहीं नसें...घबराहट के साथ ही पड़ रहा हार्टअटैक, बरतें ये सावधानी नहीं तो आप भी हो सकते हैं शिकार
/file/upload/2025/12/7605066554353095516.webpजागरण संवाददाता, बुलंदशहर। सर्दी बढ़ने के साथ हार्ट के मरीजों की समस्या बढ़ने लगी है। कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल और निजी अस्पताल में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
इमरजेंसी में प्रतिदिन पांच से आठ मरीज पहुंच रहे हैं। हार्ट की समस्या लेकर इमरजेंसी में आने वाले मरीजों में 40 प्रतिशत 30 से 45 साल की आयु के बीच के हैं।
मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि ठंड बढ़ने पर ओपीडी में हृदय रोग के मरीज बढ़ गए हैं। ठंड में दबाव पड़ने पर नसें सिकुड़ रही हैं, इससे मरीजों को हार्ट अटैक पड़ रहा है। इमरजेंसी में रोजाना पांच से आठ मरीज आ रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
40 प्रतिशत मरीज 30 से 45 साल के
हार्ट की समस्या लेकर आने वाले मरीजों में 40 प्रतिशत मरीज 30 से 45 साल के हैं। ओपीडी में भी औसतन रोजाना 30 से 40 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनमें घबराहट, सीने में दर्द, पसीना आने समेत अन्य परेशानियां मिल रही हैं। इनकी ईसीजी की जा रही है।
मरीजों का कहना है कि इको के लिए बाहर निजी अस्पताल में जाना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में कार्डियोलाजिस्ट न होने के कारण हार्ट अटैक के मरीजों को रेफर किया जा रहा है। सीएमएस डॉ. प्रदीप राणा का कहना है कि इनमें से रोजाना 10 से अधिक मरीजों का ईसीजी कर रहे हैं।
इमरजेंसी में भी हार्ट अटैक के मरीजों को पहले उपचार दिया जाता। इसके बाद रेफर किया जाता है। चिकित्सक सर्दी से बचाव की सलाह दे रहे हैं। हृदय रोग के पुराने मरीजों के साथ नए भी आ रहे हैं। जांच में इनकी नसों में ब्लॉकेज भी मिल रहा है।
यह भी पढ़ें- Bigg Boss 19 Winner: तान्या मित्तल ने गौरव खन्ना की जीत पर कसा तंज, बोलीं- \“GK ने कुछ किया क्या...\“
ओपीडी में आने वाले मरीज घबराहट के साथ सीने में दर्द और पसीना आने की शिकायत बता रहे हैं। ओपीडी में एमडी मेडिसिन व फिजीशियन हार्ट के मरीजों को उपचार दे रहे हैं।
बरतें ये सावधानी
[*]पसीना आना, अचानक घबराहट और सांस फूले तो डॉक्टर को दिखाएं
[*]सीने का दर्द कंधों की ओर बढ़े और भारीपन महसूस होते ही जांच कराएं।
[*]उच्च रक्तचाप मरीज नियमित रक्तचाप की जांच कराएं।
[*]मधुमेह, उच्च रक्तचाप के मरीज अपने से दवाएं बंद न करें।
Pages:
[1]