मुजफ्फरपुर में औद्योगिक विस्तार की नई पहल, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
/file/upload/2025/12/8843232682758197591.webpBihar industrial project update: इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद स्थानीय अर्थव्यवस्था का विकास होगा। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar land acquisition news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार रोजगार और पलायन का मुद्दा प्रमुखता से उठा। इसके बाद नई सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में औद्योगिक विस्तार किए जा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बेला और मोतीपुर के बाद पारू में औद्याेगिक क्षेत्र स्थापित करने का कार्य तेज गति से शुरू हो गया है। वहां पर करीब सात सौ एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसे लेकर जिला भू-अर्जन कार्यालय को अधियाचना भेजी गई है।
इसका अवलोकन कर आगे की प्रक्रिया की जा रही है। इसके बाद उक्त भूमि का कमेटी के द्वारा (एमवीआर मिनिमम वैल्यू रेट) निर्धारित किया जाएगा। राज्य कैबिनेट से इसकी स्वीकृति मिलने के बाद उद्योग विभाग ने कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है।
भूमि की किस्म और दर निर्धारण के बाद मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया होगी। इसपर खर्च होने वाली राशि का प्राक्कलन जिला भू-अर्जन कार्यालय की ओर से किया जा रहा है। इसी अनुसार रैयतों को मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि इसमें अभी दो-तीन माह का समय लगने की संभावना है।
बताया गया कि पारू अंतर्गत चैनपुर चिउटाहां में 250 एकड़, भोजपट्टी में 95 एकड़, चतुरपट्टी में 150 एकड़, हरपुर में 120 एकड़ और विशुनपुर सरैया में 85 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। मौजावार अधियाचना भेज दी गई है।
इसमें अगर कोई तकनीकी त्रुटि नहीं पाई गई तो आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बियाडा के माध्यम से इस क्षेत्र का विकास किया जाएगा। यह क्षेत्र पटना-बेतिया निर्माणाधीन फोरलेन के समीप है।
इससे आवागमन की भी सुविधा रहेगी। रोजगार के नए रास्ते भी इससे खुलेंगे और आधारभूत संरचनाओं को और मजबूती मिलेगी। पारू में औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से जिले की विकास को और गति मिलेगी।
जिले का तीसरा बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होगा
मोतीपुर और बेला के बाद पारू जिले का तीसरा सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होगा। इसे औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। यहां पर एक ओर से पटना-बेतिया फाेरलेन और दूसरी और हाजीपुर-सुगौली नई रेललाइन का निर्माण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को भी स्थापित किया जाएगा।
उद्योग के विस्तार से जहां एक ओर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी वहीं दूसरी ओर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। पलायन को कम करने का सपना इसके बाद ही सकार हो सकेगा।
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