LHC0088 Publish time 2025-12-8 21:38:01

बेहतर जल प्रबंधन व हरित आवरण वाले आवासीय क्षेत्र बनेंगे यूपी की पहचान, जलापूर्ति को करेंगे सुदृढ़

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डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रयासरत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार विजन 2047 के अंतर्गत एक व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है। प्रदेश के नगरीय आवासीय क्षेत्रों को स्वच्छ, सुरक्षित, हरित तथा जलवायु के अनुकूल बनाने की दिशा में रोडमैप का निर्माण किया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों के मोहल्लों को जलवायु तथा पर्यावरण समावेशी स्वरूप देने की रणनीति पर काम किया जा रहा है, ताकि आम नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर, शुद्ध हवा, सुरक्षित जलापूर्ति तथा स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।

प्रदेश सरकार का उद्देश्य शहरी विकास को केवल सड़कों व भवनों तक सीमित न रखते हुए उसे पर्यावरण संतुलन तथा जनस्वास्थ्य से भी जोड़ना है। यह पूरी कार्ययोजना दो प्रमुख आधारों पर केंद्रित है- पहला, जलवायु सहिष्णु हरित अवसंरचना का विस्तार, वहीं दूसरे घटक के तौर पर जल सुरक्षा एवं पारिस्थितिकीय संतुलन को मजबूत बनाने पर जोर है। इन्हीं दोनों स्तंभों के माध्यम से प्रदेश के शहरी आवासीय क्षेत्रों का व्यापक कायाकल्प किया जाएगा।

हरित अवसंरचना से सुरक्षित व स्वस्थ आवासीय क्षेत्र का विकास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप विकसित करने पर फोकस कर रही है। योजना के अनुसार, प्रत्येक नगरी क्षेत्र के लिए सिटी सेंट्रिक क्लाइमेट एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके माध्यम से वर्षा, तापमान, जलभराव, वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन जैसी स्थानीय जलवायु संकटों का आकलन कर उनके समाधान लागू किए जाएंगे।

कई योजनाओं को बड़े पैमाने पर लागू करने की तैयारी

कार्ययोजना के अनुसार, नगरीय हरित आवरण को लेकर कई पहलों को बड़े पैमाने पर जमीन पर उतारा जाएगा। इसके अंतर्गत, नगरों में पार्क, हरित पट्टियां, हरित गलियारे व खुले हरित क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिससे आवासीय इलाकों में शुद्ध हवा, तापमान संतुलन और पर्यावरणीय स्वास्थ्य बेहतर हो सके। साथ ही, मोहल्ला स्तर पर जलवायु नियोजन को लागू किया जाएगा, ताकि स्थानीय समस्याओं जैसे जलभराव, बाढ़, अत्यधिक गर्मी और प्रदूषण जैसी समस्याओं की रेगुलकर मॉनिटरिंग कर रियल टाइम में कार्ययोजना क्रियान्वित कर सीधा नियंत्रण स्थापित किया जा सके।

जल सुरक्षा और स्वच्छता को मिलेगा स्थायी आधार

इस योजना का दूसरा मुख्य उद्देश्य जल सुरक्षा व इकोलॉजिकल सस्टेनेबिलिटी यानी पारिस्थितिकीय सततता को सुदृढ़ करना है। इसके तहत शहरों के तालाबों, झीलों और जलाशयों के पुनरुद्धार की योजनाएं लागू की जाएंगी, जिससे वर्ष भर जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। वर्षा जल संचयन को प्रत्येक आवासीय क्षेत्र में विशेष रूप से बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि भूजल स्तर में सुधार लाया जा सके।

विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली होगी विकसित

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण के लिए विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली विकसित करने पर फोकस है। कार्ययोजना के अनुसार, मोहल्ला स्तर पर कचरे के पृथक्करण, प्रसंस्करण तथा निस्तारण की व्यवस्था लागू होगी, जिससे स्वच्छता को स्थायी आधार मिलेगा, पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा तथा प्रदूषण में व्यापक स्तर पर कमी आएगी।

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार का मानना है कि इन सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश के नगरीय आवासीय क्षेत्र न केवल पर्यावरण के अनुकूल बनेंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ, सुरक्षित व स्वच्छ जीवन की मजबूत नींव तैयार करेंगे जो देश के अन्य राज्यों के लिए भी रोलमॉडल बनेगा।
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