cy520520 Publish time 2025-12-8 21:38:02

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड का दावा.... बिजली दरों में सिर्फ 2.64 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव

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सांकेतिक तस्वीर।



राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून: उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लि. (यूपीसीएल) की ओर से विद्युत दरों में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव को लेकर अपना तर्क प्रस्तुत किया गया। यूपीसीएल ने कहा कि बिजली दरों में 16 प्रतिशत वृृद्धि नहीं की जाएगी। यह ट्रु-अप समायोजन से उत्पन्न वित्तीय जरूरत है। इसका असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यूपीसीएल की ओर से कहा गया कि वर्ष 2026-27 के लिए बिजली दरों में 2.64 प्रतिशत सामान्य टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव ही उत्तराखंड विद्यु़त नियामक आयोग में प्रस्तुत किया जाएगा। टैरिफ प्रस्ताव नियामक आयोग के निर्देश पर दस दिसंबर तक दायर किए जाएंगे। इसके बाद आयोग अंतिम टैरिफ का आदेश जारी करेगा।

यूपीसीएल ने बयान जारी कर कहा कि विद्युत दरों में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि ट्रु-अप समायोजन से उत्पन्न वित्तीय जरूरत है। यूपीसीएल को 13.59 प्रतिशत समायोजन की आवश्यकता होती है। कहा, यदि यूपीसीएल को उसके वैधानिक दावे समय पर प्राप्त होते, तो यह अंतर उत्पन्न नहीं होता और 16 प्रतिशत का आंकड़ा सामने नहीं आता।

यूपीसीएल ने कहा कि निगम का उद्देश्य उपभोक्ताओं पर अनावश्यक आर्थिक भार डालना नहीं है, 16 प्रतिशत का आंकड़ा केवल ट्रु-अप आधारित तकनीकी गणना का हिस्सा है, इसे नए वित्तीय वर्ष के लिए लागू होने वाली बिजली दरों की वृद्धि के रूप में प्रस्तावित नहीं किया जाएगा।

राज्य के उद्योगों, व्यापारियों, किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, किफायती और गुणवत्तापूर्ण विद्युत सेवाएं उपलब्ध कराना पावर कारपोरेशन की प्राथमिकता है। टैरिफ से संबंधित किसी प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय केवल उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखकर लेगा।

टैरिफ़ का अंतिम निर्धारण उपभोक्ता सहभागिता, पारदर्शिता और नियामकीय परीक्षण के बाद ही किया जाएगा। अभी किसी भी वृद्धि को अंतिम या लागू नहीं किया गया है। यूपीसीएल ने कहा, प्रदेश में बिजली आपूर्ति बेहतर, सुचारु एवं विश्वसनीय बनाने के लिए निरंतर बड़े पैमाने पर कार्य चल रहा है।

वितरण तंत्र मजबूत करने को उपकेंद्रों का निर्माण, ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि, पुरानी लाइनों का उन्नयन, भूमिगत केबलिंग और नेटवर्क सुदृढ़ीकरण जैसे कार्य नियमित रूप से किए जा रहे हैं।

साथ ही स्मार्ट मीटरिंग, फाल्ट प्रबंधन प्रणाली, आनलाइन मानीटरिंग, डिजिटल बिलिंग और शिकायत निवारण जैसी आधुनिक तकनीकों का विस्तार किया जा रहा है। इससे प्रदेश में लाइन लास में कमी आई है।

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