LHC0088 Publish time 2025-12-8 22:42:57

गिरिडीह में ठंड से युवक की मौत, सब्जी का बेच रहा था पौधा

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ठंड से युवक की हुई मौत। (जागरण)



संवाद सहयोगी, निमियाघाट (गिरिडीह)। निमियाघाट थाना अंतर्गत इसरी बाजार अरघाघाट रोड के किनारे रात भर ठंड में खुले आसमान के नीचे सड़क किनारे पड़े रहने के कारण एक युवक की मौत रविवार सुबह हो गई।

मृतक गिरिडीह जिला के गांडेय थाना अंतर्गत मोहनडीह निवासी 32 वर्षीय साहेब प्रसाद वर्मा था। इस घटना से आसपास क्षेत्र में सनसनी फैल गई। लोगों की भीड़ घटनास्थल पर लग गई।

किसी ने निमियाघाट थाना प्रभारी सुमन कुमार को घटना की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और सड़क किनारे पड़े युवक को डुमरी रेफरल अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद युवक को मृत घोषित कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल भेज दिया। बताया जाता है कि युवक शनिवार को इसरी बाजार सब्जी का पौधा बिक्री करने के लिए आया था।

चर्चा है कि रात में अधिक शराब का सेवन के कारण युवक उक्त स्थान पर गिर गया होगा। रात भर खुले आसमान के नीचे रहने के कारण ठंड से उसकी मौत हुई होगी।
ठंड में ठिठुर कर स्कूल पहुंच रहे बच्चे, अभिभावक भी परेशान

वहीं, दूसरी ओर जिला में लगातार तापमान में गिरावट हो रही है। इसी के साथ ठंड भी तेजी से बढ़ रही है। ठंड ने सभी की परेशानी बढ़ा दी है। इसी ठंड और कोहरे के बीच ठिठुरते हुए छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने को विवश हो रहे हैं। शहर और आसपास संचालित कई निजी विद्यालयों के समय में परिवर्तन नहीं किया गया है। इससे बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी परेशान हैं।

बता दें कि बढ़ती ठंड के साथ-साथ अब कोहरा भी छाने लगा है। सुबह काफी देर तक कोहरा छाए रहता है। पारा भी लुढ़क रहा है। सोमवार को गिरिडीह का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहा है।

ठंड को देखते हुए स्कूल के समय में परिवर्तन किया जाता है। कई स्कूलों ने एक घंटा समय बढ़ा दिया है, लेकिन डीएवी सहित कई अन्य स्कूलों ने समय में कोई बदलाव नहीं किया है। डीएवी का समय अभी भी सुबह 7:55 बजे ही है।
बच्चों के साथ अभिभावक भी परेशान

स्कूलों के समय में परिवर्तन नहीं होने के कारण बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों की भी परेशानी बढ़ गई है। उन्हें सुबह-सुबह ही उठना पड़ता है। अभिभावक जगत वर्मा, कन्हैया प्रसाद, दिलीप गुप्ता, अभिषेक कुमार आदि ने कहा कि बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचने के लिए सुबह छह बजे से पहले उठना पड़ता है, जबकि उस समय काफी ठंड रहती है।

घना कोहरा भी छाया रहता है। बच्चों को सुबह-सुबह उठकर स्कूल के लिए तैयार होना पड़ता है। फिर ठंड में ही उन्हें ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचाना पड़ता है। ऐसे में ठंड से बच्चों के बीमार पड़ने की चिंता भी सताती है। ठंड लगने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। अभिभावकों ने ठंड को देखते हुए स्कूल के समय में परिवर्तन करने की मांग की है।
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