cy520520 Publish time 2025-12-9 02:09:01

गाड़ियाटांडी टोला में सड़क न होने से 3 किमी दूर खड़ी रही Ambulance, झुलसी महिला को खटिया पर ढोकर ले गए परिजन

/file/upload/2025/12/8892286579683313548.webp

सड़क नहीं होने के कारण आग से झुलसी गाड़ियाटांडी टोला की महिला को खटिया पर लादकर अस्‍पताल ले जाते परिजन।


संसू, डुमरिया। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड की कांटाशोल पंचायत अंतर्गत पितामोहली गांव का गाड़ियाटांडी टोला को आज तक पक्की सड़क नसीब नहीं हुई। सोमवार की सुबह यहां की 36 वर्षीया विवाहिता धातकी पुर्ति आग से बुरी तरह झुलस गई।   सड़क के अभाव में परिजन पीडि़ता को खटिया पर लादकर जंगल के रास्‍ते तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। मसलन महिला के दर्द से भी बड़ा दर्द था उस सड़क का न होना, जिसने उसे समय पर चिकित्सा सुविधा से दूर कर दिया।   


सूचना मिलते ही एम्बुलेंस पहुंची, लेकिन वह गांव तक नहीं जा सकी। कारण सड़क ही नहीं थी। एम्बुलेंस दिघी गांव में तीन किलोमीटर पहले ही रुक गई, और वहीं से शुरू हुआ उस महिला का दर्दनाक सफर। खटिया पर ढोकर पहाड़ी नाला पार कराया गया। घटना स्थल से एम्बुलेंस तक पहुंचना किसी परीक्षण जैसा था। ग्रामीणों और परिजनों ने महिला को खटिया पर लिटाया, उबड़-खाबड़ पत्थरों, कीचड़, कंटीले रास्तों और विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

तस्वीर ने व्यवस्था की पोल खोल दी यह दृश्य न सिर्फ द्रवित कर देने वाला था, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि जब सड़क ही नहीं, तो विकास किसका हुआ? ग्रामीण बताते हैं कि आग ने जितना नहीं जलाया, उससे ज्यादा इस व्यवस्था ने जला दिया।


एम्बुलेंस तक पहुंचने के बाद धातकी पुर्ति को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। 65 प्रतिशत से अधिक झुलसने के कारण चिकित्सकों ने तुरंत उसे एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर रेफर कर दिया।

विकास के दावों पर बड़ा सवाल

गाड़ियाटांडी टोला में सड़क न होने की समस्या नई नहीं है। यह वही टोला है जिसके 200 मतदाताओं ने 2024 विधानसभा चुनाव में सड़क न होने के कारण मतदान का बहिष्कार किया था।   चुनाव के दिन भी ग्रामीण श्रमदान कर अपना रास्ता खुद बनाते देखे गए थे। आजादी के इतने वर्षों और राज्य गठन के 25 साल बाद भी यदि कोई गांव सड़क से न जुड़ा हो, तो यह केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनहीनता का बड़ा उदाहरण है।


गाड़ियाटांडी टोला में कैसे हुई घटना? घटना के अनुसार, धातकी पुर्ति सुबह करीब पांच बजे घर में चूल्हे पर खाना पका रही थी। इसी दौरान उसकी चादर में आग लग गई। घबराकर वह बाहर भागी, लेकिन तब तक आग ने उसके शरीर के अधिकांश हिस्से को घेर लिया।    परिजन उसे बचाने में जुटे, और तुरंत अस्पताल ले जाने की तैयारी की, परंतु गांव की बदहाल व्यवस्था ने सबकुछ मुश्किल कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि हमने वर्षों से सड़क की मांग की, कोई सुनने वाला नहीं।   

सरकार केवल कागजों पर सड़क दिखाती है

ग्रामीण सगुन पूर्ति ने कहा क‍ि बीमार हो या गर्भवती महिला, सभी को इसी तरह खटिया पर ले जाना पड़ता है। उन्‍होंने कहा कि सरकार केवल कागजों पर सड़क दिखाती है, जमीन पर कुछ नहीं।

गाड़ियाटांडी टोला की यह घटना केवल एक महिला का दर्द नहीं, बल्कि एक पूरे सिस्टम का आईना है। जो बताता है कि जब सड़क नहीं होती, तो जीवन कितनी निर्दयता से रास्ता रोक देता है।
Pages: [1]
View full version: गाड़ियाटांडी टोला में सड़क न होने से 3 किमी दूर खड़ी रही Ambulance, झुलसी महिला को खटिया पर ढोकर ले गए परिजन

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com