सिद्दरमैया के निर्वाचन को चुनौती देने वाली अपील पर SC ने जारी किया नोटिस, कर्नाटक HC में अर्जी हुई थी खारिज
/file/upload/2025/12/4037485462891575313.webpसिद्दरमैया के निर्वाचन को चुनौती देने वाली अपील पर SC ने जारी किया नोटिस (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के वरुणा विधानसभा क्षेत्र से 2023 के चुनावों में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के 22 अप्रैल के फैसले को चुनौती देने वाली एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सिद्दरमैया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस फैसले में एक मतदाता के. शंकर की याचिका को \“\“कार्रवाई के लिए कारण की कमी\“\“ और \“\“कानून द्वारा निषिद्ध\“\“ होने के आधार पर खारिज कर दिया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एस. सुनील दत्त यादव की एकल पीठ ने याचिका को \“\“अस्पष्ट\“\“, \“\“अनमने ढंग से लिखा गया\“\“ और मोटे तौर पर पूर्व याचिकाओं की \“\“प्रतिकृति\“\“ करार दिया था। जस्टिस यादव ने कहा, \“\“यह याचिका \“\“कार्रवाई के लिए कारण की कमी\“\“ और कानून द्वारा निषिद्ध होने के आधार पर खारिज किए जाने योग्य है।\“\“
वरुणा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता शंकर ने कर्नाटक हाईकोर्ट के 22 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें इस विधानसभा क्षेत्र से सिद्दरमैया के निर्वाचन को शून्य घोषित करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सिद्दरमैया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रविधानों के तहत भ्रष्ट आचरण में लिप्त थे। याचिका में दावा किया गया था कि कांग्रेस पार्टी की पांच चुनावी गारंटियां जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के तहत रिश्वतखोरी और अनुचित प्रभाव डालती हैं।
क्या आरोप लगाया गया?
इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सिद्दरमैया इन वादों के लिए संयुक्त रूप से जिम्मेदार थे क्योंकि उनकी तस्वीर घोषणापत्र पर छपी थी और उन्होंने कथित तौर पर \“\“गारंटी कार्ड\“\“ वितरित किए थे।
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