LHC0088 Publish time 2025-12-9 19:08:44

सीसीएसयू लाइफ साइंस विभाग की बड़ी उपलब्धि, प्रधानमंत्री प्रोफेसरशिप में होगा शोध

/file/upload/2025/12/7011200371434011207.webp

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय । जागरण आर्काइव



जागरण संवाददाता, मेरठ। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की ओर से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को एएनआरएफ प्राइम मिनिस्टर प्रोफेसरशिप के अंतर्गत फेलोशिप मिली है। यह प्रोफेसरशिप उन्हीं विश्वविद्यालयों के नाम पर मिलती है, जो पेयर यानी पार्टनरशिप फार एक्सीलरेटेड इन्नोवेशन एंड रिसर्च प्रोग्राम से जुड़े हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

चौधरी चरण सिंह इस प्रोग्राम में दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़ा है। इसके तहत शिक्षकों व वैज्ञानिकों उभरते हुए विश्वविद्यालयों शोध कार्यों के लिए यह प्रोफेसरशिप प्रदान की जाती है। सीसीएसयू में फेलोशिप के लिए आवेदन करने वाले नेशनल होब्र्टीकल्चर बोर्ड के सलाहकार प्रोफेसर वीके बरनवाल को यह प्रोफेसरशिप सीसीएसयू के लिए पांच वर्ष तक के लिए मिली है। उभरते संस्थानों में विश्व–स्तरीय अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रदान की जाने वाले प्रधानमंत्री प्रोफेसरशिप में प्रधानमंत्री प्रोफेसर को प्रति वर्ष 30 लाख रुपये की फेलोशिप और 24 लाख रुपये का अनुसंधान अनुदान (कंज्यूमेबल्स, घरेलू यात्रा, आकस्मिक व्यय, छोटे उपकरण आदि हेतु) के लिए मिलेगा। इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष एक लाख रुपये ओवरहेड के रूप में मिलेंगे।

प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार बरनवाल सीसीएसयू के लाइफ साइंस विभाग में अपना शोध कार्य आगे बढ़ाने के साथ ही विद्यार्थियों व शोधार्थियों को पढ़ाएंगे भी। बायोटेक्नोलाजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेंद्र सिंह के अनुसार इस फेलोशिप के तहत प्रोफेसर बरनवाल के मार्गदर्शन में विभाग के बेहतर प्रोजेक्ट तैयार होंगे और उनके जरिए ग्रांट लेने में मदद मिलेगी। साथ ही उनके अनुभवों का लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा।

इन्हें मिलती है प्रधानमंत्री प्रोफेसरशिप :

प्रधानमंत्री प्रोफेसरशिप के लिए भारतीय प्रतिष्ठित संस्थानों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं या निजी संस्थानों से सेवानिवृत्त या पूर्व प्राध्यापक या वैज्ञानिक आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास मजबूत शोध उपलब्धियां होनी चाहिए। वह सक्रिय रूप से अनुसंधान और नवाचार में संलग्न हों व ऐसे संस्थानों में उपलब्ध संकाय का मार्गदर्शन करने की स्पष्ट प्रतिबद्धता दिखाएं जहां अनुसंधान एवं नवाचार अभी विकासशील अवस्था में है।

पात्र होस्ट संस्थान एएनआरएफ के पेयर कार्यक्रम के लिए आवेदन करने वाले स्पोक संस्थान (राज्य, केंद्र या अन्य संस्थान) हो सकते हैं। किसी भी राज्य में राज्य विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदक को पूर्णकालिक रूप से प्रस्तावित होस्ट संस्थान में स्थानांतरित होने के लिए तैयार होना चाहिए और संस्थान की अनुसंधान क्षमता और नवाचार संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने की ठोस कार्ययोजना होनी चाहिए।
Pages: [1]
View full version: सीसीएसयू लाइफ साइंस विभाग की बड़ी उपलब्धि, प्रधानमंत्री प्रोफेसरशिप में होगा शोध

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com