LHC0088 Publish time 2025-12-9 19:09:37

5 लाख करोड़ की कंपनी, फिर भी कछुए की चाल से क्यों चलता है ITC का शेयर? ब्रोकरेज ने बताई इसकी एक खास वजह

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नई दिल्ली। शेयर बाजार में ITC के शेयरों को लेकर हमेशा चर्चा रहती है और सबसे बड़ी शिकायत रहती है कि यह शेयर चलता क्यों नहीं? आम निवेशकों की यह शिकायत पिछले कई सालों से रही है। एफएमसीजी सेक्टर की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी, आईटीसी के शेयरों (ITC Share Price) ने अन्य एफएमसीजी शेयरों की तरह रिटर्न डिलीवर नहीं किया है। 5 लाख करोड़ के मार्केट वाली इस कंपनी के शेयरों का ऐसा हाल क्यों है? इसका जवाब एक ब्रोकरेज फर्म ने महज 2 लाइन में दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

हाल ही में ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मैक्वेयरी ने एक आईटीसी के शेयरों पर एक रिपोर्ट जारी कर इस पर 500 रुपये का बड़ा टारगेट प्राइस दिया है, जबकि मौजूदा भाव 403 रुपये है। इस रिपोर्ट में इस ब्रोकरेज फर्म ने यह भी बताया है कि आखिर ये शेयर, अन्य एफएमसीजी कंपनियों की तुलना में क्यों बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाया।
ITC बनाम FMCG Index

पिछले एक साल में आईटीसी के शेयरों ने 11 फीसदी से ज्यादा नेगेटिव रिटर्न दिया है, जबकि Nifty FMCG Index (एफएमसीजी कंपनियों का समूह) महज 3.60 फीसदी गिरा है।

ITC Vs HUL

ITC की सबसे बड़ी कॉम्पीटिटर और देश की नंबर वन एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलिवर के शेयरों ने एक साल में -0.29 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है।

ITC Vs Nestle

मार्केट कैप के लिहाज से तीसरी बड़ी एफएमसीजी कंपनी नेस्ले इंडिया के शेयरों ने एक साल के अंदर 12 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है।

ITC Vs BRITANNIA

ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के शेयरों ने एक साल में 23 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है, जो आईटीसी के नेगेटिव रिटर्न से बहुत ज्यादा है।
कंपनी का डायवर्सिफाई बिजनेस

आईटीसी लिमिटेड, कोलकाता स्थित भारत की दूसरी सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी है, और इसका कुल मार्केट कैप 5 लाख करोड़ से ज्यादा है। हालांकि, कंपनी का बिजनेस पोर्टफोलियो काफी डायवर्सिफाई है, जिसमें एफएमसीजी, एग्री प्रोडक्ट्स, पेपर प्रोडक्टस और सिगरेट कारोबार आता है। पहले होटल बिजनेस भी आईटीसी लिमिटेड के तहत आता था, लेकिन इसे डीमर्ज कर आईटीसी होटल कारोबार को अलग कर दिया गया।

आईटीसी का सबसे कैश जनरेटर, सिगरेट कारोबार है जिससे कंपनी को सबसे ज्यादा कमाई होती है। कंपनी का 67.4 फीसदी रेवेन्यू एफएमसीजी कारोबार से आता है, जिसमें 60.8 प्रतिशत योगदान सिगरेट बिजनेस का रहता है।
फिर क्यों नहीं चलता ये शेयर

ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने अपनी रिपोर्ट में उस कारण के बारे में बताया जिसके चलते आईटीसी के शेयर चल नहीं पाए हैं। इस ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि कई सालों से तंबाकू उत्पादों पर टैक्स को लेकर अनिश्चितता ने आईटीसी के शेयरों को बड़ी तेजी हासिल करने से रोका है, जबकि कंपनी के फंडामेंटल बहुत ही मजबूत हैं लेकिन इसके अनुपात में शेयर प्रीमियम वैल्युएशन हासिल करने में नाकाम रहे हैं।

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मैक्वेयरी का कहना है कि अब आईटीसी के शेयरों को पुनर्मूल्यांकन तभी संभव होगा जब यह स्पष्ट हो जाए कि सरकार सिगरेट पर कोई नया उपकर या भारी कर वृद्धि नहीं लगाएगी। ब्रोकरेज का कहना है कि चूंकि, तंबाकू उत्पादों पर उपकर से जुड़े दो बिल पास हो चुके हैं, ऐसे में अगर यह स्पष्टता आती है सरकार टौबेको प्रोडक्ट्स पर और टैक्स का बोझ नहीं बढ़ाएगी तो आईटीसी के शेयर प्राइस में अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
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