अयोध्या मंडल में PM Surya Ghar Yojana का दिखा व्यापक असर, बाराबंकी सबसे आगे
/file/upload/2025/12/6193274598737118803.webpजागरण संवाददाता, अयोध्या। सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही है। अयोध्या मंडल में पीएम सूर्यघर योजना का व्यापक प्रभाव दिख रहा है।
इस वर्ष मंडल में अब तक योजना में 33 हजार 269 लोग पंजीकरण करा चुके हैं, जबकि 16 हजार से अधिक सौर ऊर्जा कनेक्शन ले चुके हैं। पंजीकरण कराने और कनेक्शन लेने में बाराबंकी सबसे आगे तो अयोध्या दूसरे स्थान पर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बिजली की बढ़ती आवश्यकता के दृष्टिगत केंद्र सरकार ने पीएम सूर्यघर योजना शुरू की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को सोलर सिटी बनाने के लिए घोषणा की थी।
इसके लिए उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) की ओर से अयोध्या में 40 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। इसके अलावा घर-घर सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है।
मंडल में हुए पंजीकरण
जिला पंजीकरण
बाराबंकी
10445
अंबेडकर नगर
5575
अयोध्या
7808
सुल्तानपुर
4360
अमेठी
5081
अब तक हुए कनेक्शन
[*]बाराबंकी-6425
[*]अयोध्या-3475
[*]सुलतानपुर-1893
[*]अम्बेडकर नगर-2363
[*]अमेठी-2057
क्या है पीएम सूर्य घर योजना
सोलर रूफ टाप संयंत्र की स्थापना के लिए प्रति किलोवाट 10 वर्गमीटर छाया रहित छत की आवश्यकता होती है। एक किलोवाट के रूफ टाप संयंत्र से औसतन प्रतिदिन चार-पांच यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। संयंत्र से उत्पादित बिजली का उपयोग भवन स्वामी के करने के उपरांत शेष विद्युत ग्रिड में चली जाती है।
इसकी नेट मीटरिंग की बिल में संबंधित डिस्काम से समायोजन किया जाता है। उपभोक्ता को सोलर संयंत्र की स्थापना में व्यय की गई धनराशि प्रतिपूर्ति बिल के बचत के रूप में तीन से चार वर्ष में हो जाती है।
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट पीएमसूर्यघर डाट जीओवी डाट इन पर आनलाइन आवेदन करना होता है। सोलर संयंत्र की स्थापना के लिए बैंक से ऋण भी उपलब्ध है। इसके लिए केंद्र सरकार के पोर्टल पर विभिन्न बैंकों को सूचीबद्ध किया गया है।
केंद्र व राज्य सरकार दे रही अनुदान
केंद्र व राज्य सरकार विभिन्न श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर प्लांट पर अनुदान दे रही है। एक किलोवाट के प्लांट पर 45 हजार, दो किलोवाट पर 90 हजार व तीन किलोवाट के प्लांट पर एक लाख आठ हजार रुपये अनुदान के रूप में मिल रहे हैं।
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