LHC0088 Publish time 2025-12-10 04:06:49

Jharkhand Assembly: हमारा वित्तीय प्रबंधन मजबूत, केंद्र बकाया दे तो झारखंड देश के अग्रणी राज्य में होगा शामिल : राधाकृष्ण किशोर

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वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।



राज्य ब्यूरो, रांची । झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सदन से 7721.25 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पास हो गया। चर्चा के दौरान सरकार के उत्तर में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उन्होंने कहा कि केंद्र झारखंड का बकाया दे दे तो झारखंड देश के अग्रणी राज्य में शामिल हो जाएगा। केंद्र हमेशा से झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करता रहा है। यही वजह है कि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 30 नवंबर तक केंद्र पर विभिन्न मदों का 28861.64 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है। इस राशि पर झारखंड का संवैधानिक हक है।

कहा- केंद्र से यह राशि मिली होती तो राज्य सरकार अपने वादे के अनुसार उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने वालों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर भी उपलब्ध करा देती। वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि द्वितीय अनुपूरक बजट लाना सरकार की विवशता है।

सरकार ने जो 7721.25 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाया है, उसमें 6554 करोड़ रुपये योजना मद के व 966 करोड़ रुपये स्थापना मद के लिए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन मजबूत है। कर की वसूली भी पहले से बेहतर स्थिति में है। वर्तमान सरकार इस स्थिति में है कि अपने आंतरिक संसाधन की बदौलत राज्य को आगे ले जा सकती है।
इस सरकार ने अब तक किसी का वेतन नहीं रोका

हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने अनुपूरक बजट पर सदन में कटौती प्रस्ताव लाया। कटौती प्रस्ताव के पक्ष में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, विधायक सरयू राय, जनार्दन पासवान, निर्मल कुमार महतो, जयराम कुमार महतो, सीपी सिंह ने अपनी बात रखी। वहीं, कटौती प्रस्ताव के विरोध में झामुमो के विधायक हेमलाल मुर्मू, कांग्रेस विधायक सुरेश बैठा, राजद विधायक सुरेश पासवान, माले के विधायक अरूप चटर्जी, झामुमो के विधायक समीर कुमार मोहंती व कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने अपनी बात रखी।
भाजपा के विधायक नवीन जायसवाल ने लाया था कटौती प्रस्ताव

विधानसभा में अनुपूरक बजट के विरुद्ध हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने कटौती प्रस्ताव लाया था। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार ने एक लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। इसके बाद मानसून सत्र में 4296.63 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया था।

अब शीतकालीन सत्र में फिर 7721.25 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया। इस अनुपूरक बजट की आवश्यकता क्यों पड़ी। सरकार एक साल में एक कदम भी नहीं चली। मंत्री कहते हैं कि 10 प्रतिशत की राशि खर्च हो सकी है। टेंडर पर टेंडर हो रहे हैं, काम कुछ नहीं हो रहा। छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है।

सरकार ने चुनाव में जो वादे किए, उसे पूरा नहीं किया। न सबको मंइयां सम्मान की राशि मिली, न 450 रुपये में गैस सिलेंडर मिला। धान की एमएसपी 2400 से 3200 रुपये प्रति क्विंटल करने का वादा किया था, लेकिन बढ़े केवल 50 रुपये यानी 2400 से 2450 रुपये किया। सरकार किसानों के पीठ में खंजर खोंप रही है।

जब राशि खर्च ही नहीं हो रही है तो अनुपूरक बजट लाने का कोई मतलब नहीं बनता है। अनुपूरक बजट के पक्ष में कटौती प्रस्ताव के विपक्ष में झामुमो के विधायक हेमलाल मुर्मू ने कहा कि इस बजट से कई योजनाओं को गति मिलेगी। भाजपा के विधायक कब तक ईडी व सीबीआइ के भरोसे राज करेंगे। जनता सब देख रही है।
कानून व्यवस्था ध्वस्त, आम लोग सुरक्षित नहीं, राज्य में जारी है अवैध बूचड़खाने : बाबूलाल मरांडी

अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। कहीं भी आम लोग सुरक्षित नहीं हैं। अनुपूरक बजट में गृह विभाग के लिए राज्य सरकार ने 443 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। यह सरकार पहले वाला खर्च नहीं कर सकी और फिर पैसा मांग रही है।

पुलिस अब भी जर्जर गाड़ियों से विधि व्यवस्था संभाल रही है। जिसे कानून व्यवस्था देखना है, उसे ढंग की गाड़ी भी नहीं दी जा रही है। गौहत्या पर प्रतिबंध कहने को है, अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं। इसके संचालक फरार चल रहे हैं। जमानत रद होने के बावजूद उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है।
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