Bihar News: भली-चंगी महिला के शरीर से दलाल ने निकाल लिया खून, रुपया भी लिया और चलता बना
/file/upload/2025/12/175910733561586142.webpमदर शेड के समीप उपाधीक्षक को मामले से अवगत कराते स्वजन। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। अस्पताल में दलाल सक्रिय हैं। रोगी और उनके स्वजन इसकी चिंता स्वयं करें। यह सिस्टम भी मान रहा है, हाथ खड़े कर दिए हैं। इसका एक उदाहरण है नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल में एक महिला के साथ हुई घटना। जांच के नाम पर घूम रहे एक दलाल ने वहां बैठी एक महिला का जबरन खून निकाल लिया, पांच सौ रुपये भी लिया और चलता बना। सिस्टम देखता रह गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरकार ने अस्पताल में हर तरह की जांच और दवा की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन दलाल इतने मनबढ़े हैं कि इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक में बेखौफ घूमते हुए व्यवस्था में सेंध लगाते घूम रहे।
मंगलवार को 11:42 बजे सुबह एक दलाल शिशु रोग विभाग के मदर शेड में पहुंच गया। वहां एक महिला के पास जाकर खड़ा हुआ। वह जब तक कुछ समझ पाती, उसने सिरिंज निकाली और एक जांच के नाम पर खून निकालने लगा।
महिला ने कहा कि वह मरीज नहीं हैं। दलाल बोला कि डॉक्टर ने खून लेने को कहा है। किस डाक्टर ने कहा और कौन सी जांच होनी है, पूछने पर बिना कुछ बताए वहां से निकल गया।
बख्तियारपुर की दिदौर निवासी महिला लक्ष्मी कुमारी ने बताया कि उनका नवजात पुत्र तीन दिनों से नीकू में भर्ती है। उनके पति मुन्ना ने बताया कि वह दलाल उनकी पत्नी के पास आकर सूई लगा खून खींचने लगा। पूछने पर कुछ नहीं बताया।
जांच के नाम पर पांच सौ रुपया ले लिया। उस समय 11.50 बजे उपाधीक्षक डा. राजीव रंजन सिन्हा नीकू और मदरशेड के समीप ही खड़े थे। सुरक्षा गार्ड भी था, लेकिन उनके सामने ही वह बाइक से भाग निकला। इस बीच कई और रोगियों के स्वजन जमा हो गए। उनलोगों ने भी उपाधीक्षक से जांच के नाम पर कई का खून और पैसे लेने की शिकायत की।
कार्रवाई की मांग की। उपाधीक्षक ने मदर शेड में जांच के नाम पर खून लेने पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि अस्पताल की ओर से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। सबको पता है कि अस्पताल में दलाल सक्रिय हैं। इनसे बचना चाहिए और इस घटना को सामान्य मान पेइंग वार्ड की ओर निकल गए।
दलाल से सावधान रहने के लिए जगह जगह पोस्टर लगाया गया है। अभी मैं छुट्टी पर हूं। उपाधीक्षक के सामने हुए इस मामले की सीसीटीवी से जांच और दलाल की पहचान करते हुए कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. प्रो. रश्मि प्रसाद, अधीक्षक, एनएमसीएच
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