Jharkhand: नामकरण पर पलटवार, राजभवन का नाम ‘लोकभवन’ करने पर रार; हेमंत सरकार चाहती थी बिरसा-सिदो कान्हू भवन
/file/upload/2025/12/1757844307721112261.webpरांची के राजभवन का नाम बिरसा भवन रखना चाहती है हेमंत सरकार।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार के प्रस्ताव को पलटते हुए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने बड़ा फ़ैसला लिया है। रांची स्थित राजभवन का नाम अब आधिकारिक तौर पर ‘लोकभवन’ कर दिया गया है। इसी तरह दुमका स्थित राजभवन का नाम भी अब ‘लोकभवन’ ही होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मंगलवार को राजभवन की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई। दूसरीओर हेमंतसरकारनेइसकाविरोधकियाहै। रांची के राजभवन का नाम बिरसा भवन और दुमका के राजभवन का नाम सिदो कान्हू भवन रखना चाहती है सरकार। वित्त मंत्री ने सदन से की अनुशंसा। कहा राजभवन राज्य सरकार की संपत्ति इसके नामकरण का भी है अधिकार।
सरकार चाहती थी आदिवासी नायकों के नाम
झारखंड विधानसभा के मौजूदा शीतकालीन सत्र में वित्त मंत्री डॉ. राधाकृष्ण किशोर ने सदन में निम्नप्रस्ताव रखा है-
[*]रांची राजभवन का नाम ‘बिरसा भवन’ और
[*]दुमका राजभवन का नाम ‘सिदो-कान्हू भवन’ रखा जाए।
मंत्री ने तर्क दिया था कि दोनों राजभवन राज्य सरकार की संपत्ति हैं और नामकरण का अधिकार भी राज्य सरकार को है। सरकार का कहना था कि भगवान बिरसा मुंडा तथा सिदो-कान्हू जैसे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर राजभवन का नामकरण राज्य की अस्मिता और गौरव से जुड़ा कदम होगा।
राजभवन ने सीधे नाम बदलकर ‘लोकभवन’ किया
हालांकि राज्यपाल ने सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया और दोनों राजभवनों का नाम एकसाथ ‘लोकभवन’ कर दिया। अधिसूचना में इसे “जनता का भवन” बताते हुए औपचारिक नामकरण किया गया है।
इस फ़ैसले से हेमंत सोरेन सरकार और राजभवन के बीच तनातनी एक बार फिर सामने आ गई है। विपक्षी दल भाजपा ने राज्यपाल के कदम का स्वागत किया है जबकि सत्ताधारी गठबंधन ने इसे राज्य सरकार के अधिकारों पर अतिक्रमण करार दिया है।
अब देखना यह है कि सरकार इस नामकरण को चुनौती देती है या इसे स्वीकार कर लेती है।
Pages:
[1]