साइबर अपराध मामलों के लिए विशेष अदालतें बनाने के निर्देश से दिल्ली HC का इंकार, कहा-वैधानिक आधार नहीं
/file/upload/2025/12/2566997152225356442.webpप्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष स्वतंत्र अदालतें गठित करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल कोई दिशा-निर्देश देने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि कानून में ऐसा कोई स्पष्ट प्रविधान नहीं है। इसके आधार पर वह सरकार को विशेष अदालत बनाने का आदेश दे सके। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हम कैसे कोई न्यायिक आदेश जारी करें?
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से सवाल किया कि क्या किसी कानून में ऐसा कोई प्रविधान है। इसके तहत अदालत सरकार को विशेष न्यायाधिकरण या अदालत बनाने का आदेश दे सकती है। इस पर अधिवक्ता कोई ठोस वैधानिक आधार पेश नहीं कर सका। मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम कैसे कोई न्यायिक आदेश जारी कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता को राहत देते हुए यह स्वतंत्रता दी
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए यह स्वतंत्रता दी कि वह अपनी मांगों को लेकर संबंधित प्राधिकरणों के समक्ष विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकता है। अदालत ने कहा कि यदि ऐसा प्रतिवेदन दिया जाता है तो संबंधित विभाग उसे शीघ्रता से विचार कर निर्णय लेगा।
आधुनिक तकनीकी ढांचे की मांग की
अदालत ने स्पष्ट किया कि फिलहाल कानून में साइबर अपराध मामलों के लिए अलग विशेष अदालतों के गठन को अनिवार्य करने वाला कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए इस स्तर पर न्यायिक हस्तक्षेप संभव नहीं है। याचिकाकर्ता विजय भास्कर वर्मा ने अपनी याचिका में साइबर अपराध मामलों के त्वरित निपटारे के लिए विशेष स्वतंत्र अदालतों के गठन और उनके लिए आधुनिक तकनीकी ढांचे की मांग की थी।
यह भी पढ़ें- उमर खालिद और शरजील को जमानत मिलेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित; दिल्ली पुलिस ने किया विरोध
Pages:
[1]