cy520520 Publish time 2025-12-11 01:08:24

Uttarakhand: व्यक्ति को नग्न कर पीटने के मामले में IPS लोकेश्वर सिंह दोषी करार, पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने सुनाया फैसला

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आइपीएस अधिकारी पर फर्जी मुकदमा दायर करने व अवैध रूप से हिरासत में रखने का था आरोप। प्रतीकात्‍मक



जागरण संवाददाता, देहरादून। अवैध रूप से हिरासत में रखने और नग्न करके पीटने के एक मामले में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने बड़ा फैसला सुनाया है। प्राधिकरण ने आइपीएस अधिकारी लोकेश्वर सिंह (तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़) को दोषी करार देते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति उत्तराखंड शासन गृह विभाग को भेजी है। वहीं, पुलिस अधिकारी को सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान करने के भी आदेश जारी किए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

लक्ष्मी दत्त जोशी निवासी मंगलम गारमेंट्स पुराना बाजार, पिथौरागढ़ ने आठ फरवरी 2023 को जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरण, नैनीताल को शिकायतपत्र दिया था। इसमें कहा कि छह फरवरी 2023 को पिथौरागढ़ के टकाना में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अंदर पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह व अन्य छह पुलिसकर्मियों ने मारपीट की, इससे उन्हें काफी चोटें आईं। उनका उपचार चल रहा है, जिसकी मेडिकल रिपोर्ट व एक्स-रे रिपोर्ट में चोटों के निशान हैं।

18 अप्रैल 2023 को पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने शपथपत्र दिया कि लक्ष्मी दत्त जोशी आपराधिक किस्म का व्यक्ति है। उसके विरुद्ध कोतवाली पिथौरागढ़ में जुआ अधिनियम, चंपावत में सरकारी काम में बाधा डालना व मारपीट, गुंडा अधिनियम एवं कोतवाली पिथौरागढ़ में आपराधिक धमकी देने में मुकदमा दर्ज है। गांव वालों से जमीन संबंधी विवाद में उनके विरुद्ध शांति भंग की कार्रवाई की गई है। कोतवाली पिथौरागढ़ क्षेत्र में वाहनों में आग लगाने की घटना के संबंध में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। लक्ष्मी दत्त ने उस घटना में शामिल होने से इन्कार कर दिया। छह फरवरी 2023 को उनके साथ कोई मारपीट नहीं की गई।

26 मई 2023 को शिकायतकर्ता ने शपथपत्र दिया कि पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग कर और स्थानीय दलों के नेताओं से मिलीभगत कर उनके विरुद्ध झूठे मुकदमे दर्ज किए। सभी मुकदमों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। किसी भी मुकदमे में उन्हें दोषी घोषित नहीं किया गया है। एक शिकायतकर्ता तो पुलिस विभाग में तैनात सफाई कर्मचारी का बेटा है।

छह फरवरी 2023 को झूठे वाहनों को आग लगाने के मामले में उन्हें पुलिस अभिरक्षा में रखकर मारपीट की गई। उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। करीब तीन साल राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को विभिन्न तिथियों को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया। बुधवार को न्यायमूर्ति एनएस धानिक अध्यक्ष पुलिस शिकायत प्राधिकरण, सदस्य पुष्पक ज्योति, अजय जोशी, मोहन चंद्र तिवाड़ी व दयाशंकर पांडे की बैंच ने केस पर निर्णय सुनाया।

बैंच ने विवेचना में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह को इस मामले में शिकायतकर्ता को अपने कार्यालय में बुलाकर उसे नग्न कर मारपीट करने और काफी देर तक कार्यालय में बैठाने का दोषी पाया। बैंच ने आदेश दिए कि आइपीएस के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति उत्तराखंड शासन गृह विभाग को भेजी जाए। साथ ही राज्य सरकार को यह भी निर्देशित किया कि पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही प्रारंभ करते हुए उन्हें सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान करते हुए विधि के अनुसार कार्रवाई की जाए।
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