एंटीजन टेस्ट से दिन में होगी फाइलेरिया मरीजों की पहचान, स्वास्थ्य मंत्रालय से मांगी गई ढाई लाख किट
/file/upload/2025/12/8351185713980131680.webpराज्य ब्यूरो, लखनऊ। क्यू फाइलेरिया एंटीजन टेस्ट (क्यू एफएटी) किट से फाइलेरिया (हाथी पांव) के मरीजों की पहचान दिन में ही की जा सकेगी। स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार से ऐसी 2.5 लाख किट की मांग की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मई 2025 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस किट से प्रदेश में फाइलेरिया मरीजों की जांच की गई थी, जिससे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को रात में ब्लड स्लाइड बनाने से कुछ राहत मिल गई थी।
फाइलेरिया के मरीजों की पहचान के लिए रात को 10 बजे से दो बजे के बीच रक्त की स्लाइड बनाकर जांच की जाती है, क्योंकि फाइलेरिया का परजीवी वुचेरेरिया बैनक्राफ्टी रात को ही रक्त में चमक के साथ दिखता है। दिन में इसे नहीं देखा जा सकता है।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को रात में अलग-अलग स्थानों पर विशेष शिविर लगाकर स्लाइड बनानी पड़ती है। क्यू फाइलेरिया एंटीजन टेस्ट से मरीजों के रक्त का नमूना लेकर दिन में इस परजीवी के संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
राज्य मलेरिया अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया कि इस तकनीक से फाइलेरिया संक्रमण की निगरानी में आसानी हो जाएगी। जिन इलाकों में संक्रमण दो प्रतिशत से अधिक मिलेगा, वहां पर संचरण मूल्यांकन सर्वेक्षण (टीएएस) कराया जाता है। यदि वहां संक्रमण बढ़ा मिला तो दवा खिलाने का अभियान जारी रखा जाता है।
यदि दो प्रतिशत से कम संक्रमण मिलता है तो टीएएस-2 सर्वे के बाद दवा खिलाने का अभियान बंद कर दिया जाता है। उन्होंने बताया विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस सर्वे को फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण एक प्रतिशत से कम होने के बाद दवा खिलाने के अभियान को बंद करने के लिए किया जाता है।
डॉ. चौधरी ने बताया प्रदेश सरकार को भी जेम पोर्टल के माध्यम से जांच की किट खरीद के लिए अनुरोध किया जा रहा है। जिससे फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को तेजी मिल सके।
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