Chikheang Publish time 2025-12-11 13:37:20

बिहार के मेडिकल छात्रों को अब DNB के लिए बाहर क्यों नहीं जाना पड़ेगा? जवाब छिपा है इस रिपोर्ट में...

/file/upload/2025/12/1690474235964826495.webp

बिहार के मेडिकल छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव



डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के मेडिकल छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब उन्हें डीएनबी (डिप्लोमेट इन नेशनल बोर्ड) की पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। पटना स्थित राजेंद्र नगर नेत्रालय में अगले सत्र यानी 2026-27 से डीएनबी ऑप्थैल्मोलॉजी कोर्स शुरू किया जा रहा है। राज्य सरकार की यह पहल मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ेगी और छात्रों को बेहतर सुविधाओं के साथ विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी अग्रणी पहचान बनाने वाला राजेंद्र नगर नेत्रालय अब आधुनिक संसाधनों और उन्नत ढांचे के साथ डीएनबी कोर्स संचालित करने के लिए तैयार है।

अस्पताल प्रशासन के अनुसार, एडवांस ऑडिटोरियम, अत्याधुनिक क्लासरूम और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग लैब पहले ही तैयार किए जा चुके हैं।

इन सुविधाओं का लोकार्पण इस वर्ष जुलाई में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने किया था। इससे छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी उच्च स्तर का मिल सकेगा।

अस्पताल में फिलहाल ऑप्टोमेट्री कोर्स की नियमित पढ़ाई जारी है। प्रशिक्षण सत्र के दौरान छात्रों को थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल का समुचित अभ्यास कराया जा रहा है, ताकि वे नेत्र चिकित्सा की आधुनिक तकनीक और उपचार पद्धतियों को बेहतर ढंग से समझ सकें।

वहीं डीएनबी कोर्स शुरू करने से पहले बीएचयू सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों ने अस्पताल का निरीक्षण किया और औपचारिक मंजूरी प्रदान की।

राजेंद्र नगर नेत्रालय न सिर्फ मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, बल्कि उपचार सेवाओं में भी राज्य भर के मरीजों को राहत दे रहा है।

बीते एक वर्ष में अस्पताल ने 80 हजार से अधिक नेत्र रोगियों का सफल इलाज किया है। इनमें बड़ी संख्या मोतियाबिंद और अन्य जटिल नेत्र समस्याओं से जुड़े मरीजों की रही है। गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं के कारण यह अस्पताल देश के प्रमुख नेत्र चिकित्सा केंद्रों में शामिल हो गया है।

अस्पताल में पहुंचे कई मरीजों ने सरकार की इस पहल और बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की है।

लखीसराय के मरीज भोला सिंह ने बताया कि यहां मोतियाबिंद की जांच और इलाज नि:शुल्क व आसानी से हो जाता है, जबकि अन्य अस्पतालों में लंबी कतारें लगानी पड़ती हैं।

वहीं सीवान के मरीज रामजी सिंह ने कहा कि निजी अस्पतालों में भारी खर्च के बावजूद उनकी समस्या ठीक नहीं हुई, लेकिन राजेंद्र नगर नेत्रालय में लगातार उपचार से उन्हें राहत मिली है।

राज्य में डीएनबी की सुविधा शुरू होने से न सिर्फ मेडिकल छात्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को भी नई दिशा मिलेगी।
Pages: [1]
View full version: बिहार के मेडिकल छात्रों को अब DNB के लिए बाहर क्यों नहीं जाना पड़ेगा? जवाब छिपा है इस रिपोर्ट में...

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com