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डीके शिवकुमार हेट स्पीच रेगुलेशन बिल पेश कर ...


बेलगावी। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि विधानसभा में हेट स्पीच रेगुलेशन बिल पेश करना "हमारी सरकार के एजेंडे" का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य में "शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना" है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि नफरत भरी भाषा “बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जा सकती।”
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बुधवार को विधानसभा में ‘कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम्स (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) बिल, 2025’ प्रस्तुत किया। राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने यह बिल पेश किया, जिस पर भाजपा विधायकों ने कड़ा विरोध जताया।




भाजपा विधायकों ने बिल की प्रस्तुति का विरोध करते हुए कहा कि वे इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे और इसकी जरूरत पर सवाल उठाया। भाजपा नेताओं ने मांग की कि बिल पर सदन में विस्तृत चर्चा हो। हंगामे के बीच स्पीकर यूटी खादर को सदन को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी दी गई थी। कानून का उद्देश्य हेट स्पीच और हेट क्राइम्स को रोकना और इनके प्रभाव को व्यक्तियों, समुदायों और समाज पर कम करना है।




भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह कानून हिंदुत्व संगठनों और विशेषकर तटीय कर्नाटक के संवेदनशील क्षेत्रों में सक्रिय समूहों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। यह कदम उन साम्प्रदायिक प्रतिशोध वाली हत्याओं के बाद उठाया गया है, जिन्होंने मंगलुरु क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा था। सरकार ने क्षेत्र में हिंसा को रोकने के लिए एक विशेष बल भी तैनात किया है, जबकि सोशल मीडिया की निगरानी के लिए अलग विंग बनाए गए हैं।




बिल में तीन साल तक की सजा, 5,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। अपराध गैर-जमानती और गैर-संज्ञेय होगा तथा इसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी।
ड्राफ्ट के अनुसार, धर्म, जाति, समुदाय, लिंग, यौन रुझान, भाषा, जन्मस्थान, निवास, विकलांगता या जनजाति के आधार पर किसी व्यक्ति के खिलाफ नुकसान पहुंचाना, नुकसान के लिए उकसाना या घृणा फैलाना हेट क्राइम माना जाएगा।
इस बीच, गृहमंत्री जी परमेश्वर ने स्पष्ट किया कि यह कानून भाजपा या उसके नेताओं को निशाना बनाने के लिए नहीं है।




कांग्रेस एमएलसी बीके हरिप्रसाद द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा, “मुझे पता है कि हमारे कार्यकर्ता की हत्या हुई है। मैंने हरिप्रसाद का बयान नहीं देखा है। जानकारी मिलने के बाद इस पर बोलूंगा।”
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि “सीएलपी बैठक में अखबारों या टीवी चैनलों में छपी कोई भी बात चर्चा में नहीं आई।” किसानों से जुड़े मुद्दों पर विपक्ष के आरोपों को उन्होंने “राजनीतिक” बताया और कहा, “हमने गन्ना और मक्का खरीद पर बड़े फैसले लिए हैं। भाजपा इस मामले में पूरी तरह विफल रही है।”




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