भारत के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल यात्री पोत का काशी में नमो घाट पर शुभारंभ
/file/upload/2025/12/6610830978598716747.webpभारत के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल यात्री पोत का काशी में नमो घाट पर शुभारंभ सुबह किया गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। भारत के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल यात्री पोत का काशी में नमो घाट पर शुभारंभ सुबह किया गया।वाराणसी में भारत के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल यात्री पोत का शुभारंभ होने के साथ ही वाराणसी पहला शहर हो गया है जहां हाइड्रोजन आधारित यात्री पोत का संचालन हो रहा है। काशी में यह पोत हरित परिवहन को बढ़ावा देगा। यह स्वदेशी तकनीक से निर्मित है और पर्यावरण के अनुकूल है। इस पहल से वाराणसी में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हाइड्रोजन आधारित फ्यूल सेल यात्री पोत पूरी तरह से कैटामरान प्रणाली यानी दो नौका के आधार पर बने पोत के तौर पर कार्य करता है। जिसमें ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाना है। भारत में यह पहला मौका है जब हाइड्रोजन ईंधन के तौर पर स्वदेशी तौर पर बने पोत का अनावरण किया गया है। बनारस भी अब उन क्षेत्रों में आ गया है जो पूरी तरह से धुआं रहित है। बैट्री और सौर ऊर्जा बिना किसी आवाज के जलयान को संचालित करता है।
50 यात्रियों के साथ यह आठ घंटे तक नदी में अनवरत सक्रिय रह सकता है। मंत्रालय की ओर से तय किया गया था कि सभी अधिकारी एक दिन पूर्व ही आकर तैयारियां पूरी कर इस योजना को अमलीजामा पहनाएं। बताया कि मल्टीमाडल टर्मिनल बनने के बाद वाराणसी से कनेक्टिविटी के लिए रेल का संचालन भी होना है। कम्यूनिटी जेटी का भी यात्री लाभ उठा रहे हैं। कैथी में भी पीपा पुल के लिए नए सिरे से काम किया गया है। फ्रेट विलेज से कनेक्टिविटी बनाई जा रही है। जहाज को यहीं पर ठीक करने के लिए प्रयास हो रहा है। क्रूज संचालन के लिए जमीन तलाश ली गई है और जल्द ही वहां से क्रूज का संचालन बनेगा।
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