cy520520 Publish time 2025-12-11 17:07:56

हर-हर महादेव के बीच बिहार की ओर बढ़ रहा विराट शिवलिंग, नागपुर से आगे निकला काफिला

/file/upload/2025/12/5663935302587976842.webp

पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत कैथवलिया में शिवलिंग की होगी स्थापना। सौ: इंटरनेट मीडिया



संजय कुमार सिंह, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)।East Champaran News: विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के साथ आस्था की महायात्रा निरंतर आगे बढ़ रही है। लगभग एक हजार किलोमीटर की दूरी तय कर काफिला महाराष्ट्र पहुंच चुका है।

यहां से मध्य प्रदेश होते हुए यह महायात्रा अपने गंतव्य पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत कैथवलिया गांव में पहुंचेगी। यहीं पर श्री महावीर मंदिर न्यास पटना के द्वारा विराट रामायण मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है।

इसी मंदिर परिसर में 33 फीट ऊंचे और 210 मीट्रिक टन वजनी विशाल शिवलिंग की स्थापना होनी है। मंदिर में शिवलिंग को स्थापित किए जाने वाले आधार स्तंभ का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है।

/file/upload/2025/12/954976474968107604.JPG

यहां बता दें कि तमिलनाडु के महाबलीपुरम में करीब तीन करोड़ रुपये खर्च कर एक ही ग्रेनाइट पत्थर को तराश कर सहस्त्र शिवलिंग तैयार किया गया है। इस विशाल शिवलिंग के निचले हिस्से में 1008 छोटे-छोटे शिवलिंग की आकृति उकेरी गई है। उसके नीचे फाउंडेशन स्टोन है। इसके निर्माण में बेहतरीन शिल्पकला का नमूना देखने काे मिलता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जगह-जगह हो रही पूजा-अर्चना

इस महायात्रा में काफिले को जगह-जगह रोककर शिवलिंग की पूजा-अर्चना की जा रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ इसके दर्शन के लिए उमड़ रही है। लगभग दो हजार किलोमीटर की इस यात्रा में एक हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर ली गई है।

यह काफिला अब महाराष्ट्र के नागपुर से आगे निकल चुका है। इसी के साथ इसका प्रवेश अब मध्य प्रदेश में होगा। यहां से श्री महावीर मंदिर पटना की टीम काफिले में शामिल होकर साथ चलेगी। उम्मीद की जा रही है कि 20 दिसंबर तक शिवलिंग अपने गंतव्य पर पहुंच जाएगा।
कई व्यवधानों से निकल पूरा हो रहा सपना

विराट रामायण मंदिर की परिकल्पना को धरातल पर उतारने में कई बाधाएं भी सामने आई हैं। भूमि का अधिग्रहण भी चुनौतीपूर्ण कार्य रहा। हालांकि स्थानीय लोगों ने स्वेच्छा से अपनी जमीन दी। सामने आईं कुछेक समस्याओं को भी हल कर लिया गया।

इसके बाद मंदिर के प्रारूप को लेकर भी अड़चने आईं। दरअसल, दक्षिण-पूर्व एशियाई देश कंबाेडिया की सरकार ने आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे वहां के प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर का प्रतिरूप बताया था। इसके बाद नक्शे में परिवर्तन किया गया।

लेकिन विशेषज्ञों ने माना कि उक्त नक्शा भूकंप के सिस्मिक जोन चार को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो हितकारी नहीं है। बाद में भूकंप के दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा संवेदनशील सिस्मिक जोन पांच को केंद्र में रखकर मंदिर का प्रारूप तैयार हुआ।

इस मंदिर में नए संसद भवन को बनाने में अपनाई गई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। दो सौ वर्षों की मजबूती को ध्यान में रखते हुए विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
120 एकड़ में बन रहा भव्य मंदिर

कुल 120 एकड़ भू-भाग में विराट रामायण मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। यह दुनिया के बड़े मंदिरों में से एक होगा। इस मंदिर का शिखर 270 फीट, चौड़ाई 540 फीट एवं लंबाई 1080 फीट होगी। परिसर में मंदिरों की संख्या 22 एवं शिखरों की संख्या 12 होगी।

सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट होगा। इसके अलावा एक शिखर की ऊंचाई 198 फीट, चार शिखरों की ऊंचाई 180 फीट, एक शिखर की ऊंचाई 135 फीट तथा पांच शिखरों की ऊंचाई 108 फीट होगी। वहीं, 33 फीट ऊंचे शिवलिंग की गोलाई भी 33 फीट ही है।
Pages: [1]
View full version: हर-हर महादेव के बीच बिहार की ओर बढ़ रहा विराट शिवलिंग, नागपुर से आगे निकला काफिला

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com