Chikheang Publish time 2025-12-12 02:37:17

आर्थिक मोर्चे पर सुधारों का वर्ष रहा 2025, नए साल में भी जारी रहेंगे सुधार कार्यक्रम

/file/upload/2025/12/3337030224695946731.webp

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (फाइल)



राजीव कुमार, नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर वर्ष 2025 सुधारों का वर्ष रहा और आगामी वर्ष 2026 में बड़े सुधारों का सिलसिला जारी रहेगा। वर्ष 2025 में इनकम टैक्स, जीएसटी, लेबर कोड जैसे तीन महत्वपूर्ण सुधार किए गए। हालांकि लेबर कोड अगले साल अप्रैल से लागू होगा और उसके असर भी अगले साल ही दिखेंगे। ऐसे ही, नए साल में भी कई सुधार कार्यक्रम सरकार के एजेंडा में हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी बजट में सीमा शुल्क में बड़े सुधार का संकेत तो खुद दे चुकी है। लेकिन सूत्रों का कहना है वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध सरकार मैन्यूफैक्च¨रग से लेकर सामाजिक सेक्टर में विकसित देशों में प्रचलित चलन को अपनाने के लिए कई सुधार कार्यक्रम लाने जा रही है। आगामी बजट में भी इसकी झलक मिल सकती है।

मैन्यूफैक्चरिंग के प्रोत्साहन के लिए कई नए सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव की तरह नयी स्कीम लाई जा सकती है। जिन कच्चे माल के लिए भारत पूरी तरह से या अधिकतर रूप में आयात पर निर्भर करता है, उन वस्तुओं के उत्पादन के लिए सरकार हर संभव प्रोत्साहन दे सकती है। कारोबार से लेकर लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए सरकार अगले साल जन विश्वास बिल का नया वर्जन लाने जा रही है।

बढ़ती वित्तीय जरूरतों की पूर्ति के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को बैंकिंग के लाइसेंस दिए जा सकते हैं और अगले साल सरकार कई बैंकों के विलय को भी हर हाल में मंजूरी दी जा सकती है क्योंकि भारत का एक भी बैंक वैश्विक स्तर पर शीर्ष 10 बैंकों में शामिल नहीं है। मोटर वाहन कानून में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं ताकि बेकार के नियमों को समाप्त कर नए वर्तमान जरूरतों के हिसाब से नए नियम लाए जा सके।

शहरी विकास को लेकर कुछ बदलाव नए साल में देखने को मिल सकते हैं। स्थानीय निकायों के फं¨डग की व्यवस्था उनमें से एक हो सकती है। इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की घोषणा इस साल फरवरी में पेश बजट में ही की गई थी, लेकिन इसका रास्ता साफ करने के लिए अब तक सरकार संसद में संशोधन बिल न हीं पेश कर सकी है। नए साल में इंश्योरेंस सेक्टर के पूरे प्रारूप में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

लेबर कोड में बदलाव के अमल के बाद इंश्योरेंस सेक्टर में बड़ी मांग निकलने वाली है। सभी वाहन के इंश्योरेंस को अनिवार्य किया जा सकता है जिससे वाहन इंश्योरेंस कंपनियों के कारोबार में बड़ा इजाफा हो सकता है।
निर्यात का वर्ष होगा नया साल

नए वर्ष में एक साथ कई देशों के साथ भारत मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) क र सकता है जिससे विभिन्न देशों में निर्यात वर्तमान के मुकाबले आसान हो जाएगा। ब्रिटेन के साथ हो चुके एफटीए पर अगले साल मार्च-अप्रैल तक अमल शुरू हो जाएगा। ओमान के साथ इस माह एफटीए होने की पूरी संभावना है जो नए साल में प्रभावी हो जाएगा।

यूरोपीय यूनियन (ईयू) व न्यूजीलैंड के साथ भी हर हाल में नए साल में एफटीए हो जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण अमेरिका के साथ भी पहले चरण का द्विपक्षीय व्यापार समझौता नए साल में हो सकता है।

अमेरिका, ईयू के दो दर्जन से अधिक और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में वस्तुओं पर कम या शून्य शुल्क के बाद भारतीय निर्यात में तेज उछाल देखी जा सकती है। इन सबके अलावा भारत अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका के देशों में भी अपने बाजार की सघनता से बाजार की तलाश में जुटा हुआ है। नए साल में इसका असर भी देखने को मिलेगा।
Pages: [1]
View full version: आर्थिक मोर्चे पर सुधारों का वर्ष रहा 2025, नए साल में भी जारी रहेंगे सुधार कार्यक्रम

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com