Muzaffarpur : बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा में रैकेट के सरगना का पटना व रांची के कई कोचिंग संचालकों से संपर्क
/file/upload/2025/12/5171788857421540866.webpजागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। केंद्रीय चयन पर्षद की ओर से आयोजित बिहार पुलिस की चालक सिपाही भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जगह बैठने वाले रैकेट के मास्टर माइंड, स्कालर व परीक्षार्थी को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसमें पटना जिला के मसौढ़ी थाना के भखड़ा निवासी वीरेंद्र कुमार सिन्हा का पुत्र संतोष कुमार, जहानाबाद के दुखन सिंह का पुत्र मनीष कुमार और मूल परीक्षार्थी अरवल जिला के शादिपुर के शंकर यादव का पुत्र रंजीत कुमार शामिल है।
पूछताछ में पता चला कि रैकेट का सरगना मनीष का रांची व पटना के कई कोचिंग संचालकों से संपर्क है। कोचिंग से ही स्कालर को हायर करता है। इसके बाद परीक्षा पास कराने का ठेका लेकर परीक्षार्थियों से मोटी रकम वसूलता है। इसके लिए इन सभी के बैंक खातों की जांच की जा रही है। साथ ही मोबाइल का काल डिटेल भी निकालकर अवलोकन किया जा रहा है, ताकि साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जा सके।
पटना, रांची के अलावा दूसरे प्रदेशों की पुलिस से संपर्क
पूर्व में भी कई प्रतियोगी परीक्षा में उसके रैकेट से जुड़े स्कालर के बैठने की बात सामने आई है। इस दिशा में पुलिस जांच कर आगे की कार्रवाई कर रही है। इसके लिए जहानाबाद, अरवल और पटना समेत अन्य जिलों की पुलिस से संपर्क किया गया है।
इन सभी के पूर्व का भी रिकार्ड खंगाला जा रहा है। साथ ही दिल्ली, यूपी समेत अन्य प्रदेश की पुलिस से भी संपर्क कर जानकारी जुटाई जा रही है। पूछताछ में पता चला कि पटना में तैयारी के दौरान ही परीक्षार्थी से सरगना मनीष ने संपर्क किया।
इसके बाद परीक्षा में बैठने के लिए मोटी रकम में सौदा किया। एडंवास के तौर पर करीब 10 हजार रुपये लिए। शेष परिणाम आने के बाद लेना था। कितनी राशि लेना था। इसका अब तक पर्दाफाश नहीं हो सका है। आशंका जताई जा रही कि करीब पांच लाख रुपये में सौदा हुआ था।
संतोष के पूछताछ पर सभी पकड़ाए
मंगलवार को जिला स्कूल केंद्र पर संतोष परीक्षा देने के लिए पहुंचा। परीक्षा शुरू होने से करीब एक घंटा पहले वीक्षक प्रवेश पत्र, आधार कार्ड एवं आयोग के उपस्थिति पत्रक से जांच कर रहे थे। इसी क्रम में संतोष के प्रवेश पत्र व आधार कार्ड की जांच की गई।
मिलान में भिन्न पाया गया। इसके बाद उस पर संदेह गहरा गया। जांच में प्रवेश पत्र एवं आधार कार्ड फर्जी पाया गया। फर्जी परीक्षार्थी संतोष ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह मूल परीक्षार्थी रंजीत के बदले परीक्षा देने आया था। उसकी निशानदेही पर मनीष और मूल अभ्यर्थी रंजीत कुमार को पकड़ा गया।
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