Chikheang Publish time 2025-12-12 03:36:59

चंद्रयान-3 की बड़ी उपलब्धि: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 3000 डिग्री तापमान; विक्रम लैंडर ने भेजा सबूत

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर “कहीं अधिक सक्रिय“ विद्युत वातावरण की खोज की है, जो कि पहले के अनुमानों से काफी गतिशील है। इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर पर लगे रेडियो एनाटॉमी ऑफ द मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर - लैंगमुइर प्रोब (RAMBHA-LP) उपकरण द्वारा यह परिणाम प्राप्त हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ये परिणाम दक्षिणी उच्च अक्षांशों में चंद्रमा की सतह के इतने करीब चंद्र प्लाज्मा का पहला प्रत्यक्ष माप हैं। अपेक्षा से अधिक इलेक्ट्रॉन घनत्व: लैंडिंग स्थल (जिसे \“शिव शक्ति बिंदु\“ कहा जाता है) के पास 380 से 600 कण प्रति घन सेंटीमीटर के बीच इलेक्ट्रॉन घनत्व पाया गया, जो पिछले उपग्रह-आधारित अनुमानों से काफी अधिक है।

इसरो ने बताया कि सौर हवाओं से आवेशित कणों की निरंतर बमबारी और चंद्रमा के मैग्नेटोटेल से कणों के जमाव के कारण सतह के पास एक लगातार बदलता और गतिशील विद्युत वातावरण बनता है। आगे बताया कि पता लगाए गए इलेक्ट्रॉन अत्यधिक ऊर्जावान थे, जिनका तापमान 3,000 से 8,000 केल्विन के बीच था।

इसरो के मुताबिक, सूर्य के ऊपरी वायुमंडल से निकलने वाली आवेशित कणों (मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉन, हाइड्रोजन और हीलियम आयन) की निरंतर धारा, जिसे सौर पवन कहते हैं, चंद्रमा की सतह पर लगातार टकराती रहती है। यह, प्रकाशविद्युत प्रभाव के साथ मिलकर, प्लाज्मा के निर्माण का प्राथमिक तंत्र है।

संगठन ने बताया कि चंद्रमा के चुंबकीय क्षेत्र (विशेष रूप से मैग्नेटोटेल) से उत्पन्न आवेशित कणों के जमाव से चंद्र प्लाज्मा और भी प्रभावित होता है, जब चंद्रमा उस क्षेत्र से गुजरता है (आमतौर पर 28 दिनों की अवधि के दौरान 3-5 दिन), जिसके परिणामस्वरूप सतह के पास लगातार बदलता और गतिशील विद्युत वातावरण बनता है।

चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का तीसरा चंद्र मिशन है, जिसने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना दिया है। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था।

विक्रम लैंडर 23 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा। इस मिशन में एक स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल (प्रणोदन मॉड्यूल), एक विक्रम लैंडर (Lander) और एक प्रज्ञान रोवर (Rover) शामिल था।
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