Chikheang Publish time 2025-12-12 03:37:14

अब रेलकर्मी का पूरा रिकॉर्ड सिर्फ एक स्कैन में! Railway की नई QR आधारित आईडी कार्ड प्रणाली लागू

/file/upload/2025/12/6204759300628885088.webp

फाइल फोटो।


जासं, जमशेदपुर। भारतीय रेलवे ने सुरक्षा और आधुनिक तकनीक की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए कर्मचारियों की पहचान प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव कर दिया है। रेलवे बोर्ड ने देशभर में ‘नई आइडेंटिटी कार्ड नीति’ लागू कर दी है, जिसके तहत अब पुराने लैमिनेटेड कार्ड की जगह हाईटेक स्मार्ट आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे।    बोर्ड की प्रधान कार्यकारी निदेशक रेणु शर्मा ने आदेश जारी किया है। इसके अनुसार पूरे देश में एकरूपता लाने के लिए अब सभी कर्मचारियों के कार्ड एक ही डिजाइन और रंग में होंगे।

आसानी से होगी रेलकर्मियों की पहचान नीति के तहत नियमित रेलवे कर्मचारियों के लिए पीले रंग का स्मार्ट कार्ड निर्धारित किया गया है। वहीं आउटसोर्सिंग या ठेका कर्मियों को आसानी से पहचाने जाने के लिए नारंगी रंग का अलग कार्ड दिया जाएगा।

नई पहचान प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता कार्ड पर मौजूद उन्नत क्यूआर कोड है। क्यूआर स्कैन करते ही अधिकारी या सुरक्षा कर्मी को कर्मचारी की पूरी डिजिटल प्रोफाइल मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जानें कार्ड की क्‍या होगी खासियत नियमित कर्मचारियों के क्यूआर कोड में नाम, पदनाम, वर्तमान पोस्टिंग, आधार संख्या, कार्ड जारी होने की तिथि, सेवानिवृत्ति की तिथि जैसी सभी महत्वपूर्ण जानकारी सुरक्षित रूप से संग्रहित होगी।

वहीं ठेका कर्मियों के नारंगी कार्ड में अतिरिक्त सुरक्षा फीचर्स जोड़े गए हैं। उनके क्यूआर कोड में पुलिस वेरिफिकेशन की तिथि, सम्बंधित ठेका एजेंसी, आधार संख्या, जैसी जानकारी भी अनिवार्य रूप से दर्ज रहेगी।

12 अंकों का यूनिक नंबर बताएगा पूरी सर्विस हिस्ट्री

रेलवे ने डुप्लीकेसी रोकने के लिए एक वैज्ञानिक नंबरिंग प्रणाली अपनाई है। प्रत्येक पहचान पत्र एक विशिष्ट 12 अंकों के नंबर से लैस होगा।   इसमें पहले दो अंक में कार्ड जारी होने का वर्ष और अगले दो अंक में संबंधित रेलवे जोन का कोड (जैसे दक्षिण पूर्व रेलवे के लिए 12) और बाद के दो अंक में मंडल या वर्कशाप कोड और अंतिम छह अंक व्यक्तिगत सीरियल नंबर होगा। इस एकल प्रणाली की मदद से कर्मचारियों की सर्विस हिस्ट्री आसानी से ट्रैक हो सकेगी।

ठेका कर्मियों के कार्ड पर ‘कॉन्ट्रैक्ट’ की स्पष्ट पहचान

सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए ठेका कर्मियों के कार्ड पर बाईं ओर बड़े अक्षरों में ‘कॉन्ट्रैक्ट’ लिखा होगा। उनके गले का लेनयार्ड भी नारंगी रंग का होगा। वहीं नियमित कर्मचारियों के कार्ड और लेनयार्ड का रंग पीला तय किया गया है।

ठेका कर्मियों का कार्ड ‘एंट्री पास’ की श्रेणी में माना जाएगा। इसकी वैधता अधिकतम एक वर्ष होगी और इसे हर साल नवीनीकरण कराना अनिवार्य होगा।

स्मार्ट कार्ड होंगे अधिक सुरक्षित और टिकाऊ

ये नए कार्ड PVC प्लास्टिक से निर्मित होंगे। फोटो में कर्मचारी का चेहरा 70 प्रतिशत फ्रेम में स्पष्ट दिखाई देना अनिवार्य है। इससे जांच के दौरान कर्मचारी की सीधी पहचान और डिजिटल सत्यापन दोनों संभव होंगे।

भारतीय रेलवे का यह कदम न सिर्फ सुरक्षा अपडेट है, बल्कि पहचान प्रणाली को डिजिटल, पारदर्शी और एकरूप बनाने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है।
Pages: [1]
View full version: अब रेलकर्मी का पूरा रिकॉर्ड सिर्फ एक स्कैन में! Railway की नई QR आधारित आईडी कार्ड प्रणाली लागू

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com