कंबोडिया के कॉल सेंटर से चाइनीज सिंडिकेट के लिए साइबर ठगी, गुरुग्राम पुलिस ने एयरपोर्ट पर दबोचा
/file/upload/2025/12/5634633868104281821.webpप्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। विदेश से गुरुग्राम के लोगों के साथ की जा रही साइबर ठगी के मामले में गुरुग्राम साइबर पुलिस को एक और सफलता मिली है। कंबोडिया में चाइनीज सिंडिकेट द्वारा संचालित काल सेंटर में काम करने वाले एक आरोपित को पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से बीते दिनों गिरफ्तार किया। यह काॅल सेंटर में कालिंग का काम करता था। इसकी पहचान गुजरात के सूरत के रहने वाले चिराग कांजी के रूप में गई। इसके खिलाफ अगस्त में एलओसी जारी कराया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दिवान ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में डीएलएफ क्षेत्र में रहने वाली एक महिला से पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर की गई ठगी के मामले की जांच करते हुए पुलिस ने यह गिरफ्तारी की। साइबर थाना ईस्ट में डीएलएफ इलाके में रहने वाली महिला ने पिछले साल चार दिसंबर को धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था।उसने बताया था कि साइबर ठगों ने वाट्सएप काॅल की।
कहा कि उनके बेटे के आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया जा रहा है। इस पर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और खातों की जांच के नाम पर कई बार में करीब तीन करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए। साइबर पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला था कि ठगी गई राशि कई अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। इसमें से 39 लाख रुपये गुजरात के तापी के रहने वाले आशीष के भाई मितेश के खाते में गए थे।
पुलिस ने जांच करते हुए आशीष, मितेश समेत 18 लोगों को पकड़ा था। इन आरोपितों से पूछताछ में चिराग के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद उसके खिलाफ अगस्त में एलओसी जारी कराया गया था। आरोपित सोमवार को कंबोडिया से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा था, इसी दौरान एयरपोर्ट पुलिस ने उसे पकड़कर गुरुग्राम साइबर पुलिस के हवाले कर दिया। साइबर पुलिस ने दो दिनों तक पूछताछ के बाद गुरुवार को उसे जेल भेज दिया।
2021 में वर्क वीजा पर गया था दुबई
आरोपित चिराग से पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह वर्ष 2021 में वर्क वीजा पर दुबई गया था। अगस्त 2025 में वहां से कंबोडिया चला गया और चीन मूल के लोगों के साथ मिलकर साइबर ठगी का काम करने लगा।
इसने गुरुग्राम की महिला को फर्जी टेलीकाॅम अधिकारी बनकर फिर अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट करके धोखाधडी की वारदात को अंजाम दिया था।
आरोपित ने बताया कि यह कालिंग टीम का सदस्य था। इसको कंबोडियन मुद्रा में कमीशन मिलता था। यह कंबोडियन मुद्रा को बिटक्वाइन वैलेट के माध्यम से अपने अन्य साथियों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर लेता था।
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