इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हो सकेगी कुलपति की पुनर्नियुक्ति, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
/file/upload/2025/12/3899113428488530673.webpजागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कुलपति की पुनर्नियुक्ति हो सकेगी। इसको लेकर 2010 में कार्यपरिषद द्वारा कुलपति की अधिवर्षिता आयु 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष करने और पुनर्नियुक्ति के प्रस्ताव को अब विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष और राष्ट्रपति ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। विश्वविद्यालय अधिनियम-2005 के परिनियम-2 के खंड (4) में किए गए संशोधन को लेकर कुलसचिव आशीष खरे द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे पहले परिनियम में कुलपति को पुनर्नियुक्ति का पात्र नहीं माना जाता था, लेकिन नए संशोधन से यह पात्रता मिल गई है। यह संशोधन भारत सरकार के राजपत्र में 27 नवंबर, 2025 को प्रकाशित अधिसूचना के माध्यम से प्रभावी हुआ है। कुलसचिव आशीष खरे द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना के अनुसार इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने 17 अप्रैल, 2010 में ही कुलपति की अधिवर्षिता आयु 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष करने और पुनर्नियुक्ति की पात्रता जोड़ने का प्रस्ताव पारित किया था।
संशोधन की पुष्टि हुई प्राप्त
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वर्तमान कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने 30 नवंबर 2020 को पदभार ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल 29 नवंबर 2025 को पूरा हो रहा था। ऐसे में 27 नवंबर को जारी अधिसूचना के आधार पर ही उनको एक्सटेंशन मिला था। इवि की जनसंपर्क अधिकारी प्रो. जया कपूर ने बताया कि विश्वविद्यालय को स्टेच्यूट दो (चार) में संशोधन की पुष्टि प्राप्त हुई है।
संशोधन के बाद परिनियम दो के तहत कुलपति अपना पद ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि तक या सत्तर वर्ष की आयु प्राप्त करने तक इनमें से जो भी पूर्वतर हो और पुनर्नियुक्ति के लिए पात्रता भी प्रदान कर दी गई है।
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