सोनभद्र में खनन पर रोक लेकिन जाताजुआ, ड्योढी की पहाड़ी पर ब्लास्टिंग जारी
/file/upload/2025/12/2565983896045052722.webpजागरण संवाददाता, मुकेश चंद्र श्रीवास्तव / सुशील कुमार गुप्ता (सोनभद्र/ महुली)। सोनांचल का एक ऐसा गांव हैं जहां के लोग डरे, सहमें रहते हैं। कई बार तो धमाके से उनकी धड़कनें भी तेज हो जाती है। वहां की धरा हिलने लगती है, मानों भुकंप आ गया है। पत्थर के टूकड़े इधर-उधर छिटकने लगते हैं। ऐसा लगाता है कि कही बम धमाका तो नहीं हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कुछ ऐसी ही स्थिति दुद्धी ब्लाक के जाताजुआ एवं ड्योढी गांव में बनी हुई है। गांव में पहाड़ी पर मानकों की अनदेखी कर अवैध रूप से भारी ब्लास्टिंग की जा रही है। इसके कारण गांव के कई घरों की दीवारें भी दरक गईं हैं। लोगों में भय का माहौल है। ओबरा क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी में 15 नवंबर को हुए खनन हादसे के बाद से ही जिले में ब्लास्टिंग पर रोक लग गई है। कारण कि इस घटना में पत्थर से दब कर सात श्रमिकों की मौत हो गई थी, जबकि अन्य कई घायल हुए थे।
/file/upload/2025/12/2152229401272363682.jpg
इस मामले में खदान मालिक सहित कई लोगों पर केस भी दर्ज है। बावजूद इसके जाताजुआ एवं ड्योढी गांव में ब्लास्टिंग का खेल जारी है। ग्रामीण अरविंद कुमार यादव, राकेश यादव, विनोद यादव, बिंदा कुमार, मुखालाल साहू के घरों की दीवारों पर पहाड़ ब्लास्टिंग के कारण दरार आ गई है। लोग बताते हैं कि भारी ब्लास्टिंग से धरती कांप उठती है और ब्लास्टिंग स्थल से दूर घरों की दीवारें दरारें पड़ जाती हैं।
बताया जा रहा है कि खनन विभाग ने इस पहाड़ी को 10 वर्ष की लीज पर दिया है, जिसकी अवधि जनवरी 2023 से जनवरी 2033 तक है। लीज देने के दौरान ग्रामीणों को आश्वस्त किया गया था कि पत्थर केमिकल प्रक्रिया से तोड़ा जाएगा और ब्लास्टिंग का इस्तेमाल नहीं होगा। लेकिन ठेकेदार लगातार भारी ब्लास्टिंग कर पत्थर तोड़ रहा है। आसपास के घरों में भी कंपन की वजह से दरारें पड़ गई हैं।
/file/upload/2025/12/9003582553594124240.jpg
स्थानीय ग्रामीण कई बार प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं। प्रशासन ब्लास्टिंग रोकता है, लेकिन वह अस्थायी होती है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। भारी ब्लास्टिंग के कारण इलाके में शांति भंग हो रही है और घरों को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके साथ ही नियमों की अनदेखी करते हुए अवैध रूप से बोल्डर का परिवहन भी हो रहा है।
जिससे राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि खनन कार्य नियमों के अनुरूप और सुरक्षित तरीके से हो सके। बिना जांच के खनन फिर से शुरू करना खतरे की घंटी है, जिससे न केवल पर्यावरण बल्कि स्थानीय जनता की सुरक्षा भी दाव पर है।
इस तरह का मामला अभी हमारे संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-
निखिल यादव, उप जिलाधिकारी दुद्धी।
Pages:
[1]