चंडीगढ़ में कचरे का पहाड़, सांसद तिवारी ने लोकसभा में उठाया सवाल, केंद्र सरकार का जवाब-स्थानीय निकाय जिम्मेदार
/file/upload/2025/12/7620810759577526905.webpडड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड में जमा पुराने कचरे की सफाई में हो रही देरी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। स्मार्टसिटी में कचरे के पहाड़ का मुद्दा लोकसभा में उठा। सांसद मनीष तिवारी के सवाल पर केंद्र सरकार तरफ से जवाब दिया गया कि सफाई राज्य का विषय और इसके लिए स्थानीय निकाय जिम्मेदार है।
डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड में जमा पुराने कचरे की सफाई में हो रही देरी को लेकर सांसद ने लोकसभा में गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को किए गए वायदों और पूर्व प्रश्नों के उत्तरों में घोषित समयसीमा, जो पहले दिसंबर 2024 और फिर जुलाई 2025 थी, के बावजूद कचरे की सफाई क्यों नहीं हो सकी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
तिवारी ने यह भी बताया कि चंडीगढ़ नगर निगम ने समयसीमा बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है, जबकि सरकार का दावा है कि डंप के दो हिस्से पहले ही साफ किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने सफाई को राज्य का विषय बताते हुए कहा कि इसके लिए राज्य एवं स्थानीय निकाय जिम्मेदार हैं।
सरकार ने यह भी जानकारी दी कि 5.10 लाख मीट्रिक टन पुराना कचरा रिमेडिएट किया गया है, जबकि लगभग 55 हजार मीट्रिक टन बिना प्रसंस्करण वाला कचरा अब भी साफ किया जा रहा है।सांसद तिवारी ने सरकार के उत्तर को भ्रामक बताया और कहा कि यह निराशाजनक है कि सरकार डंपिंग ग्राउंड की सफाई में हो रही देरी को छिपाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चंडीगढ़ के निवासियों को इस समस्या से जल्द मुक्ति दिलाना आवश्यक है।
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