Chikheang Publish time 2025-12-12 22:37:38

Tulsi Pujan Diwas 2025: कब है तुलसी पूजन दिवस? एक क्लिक में पढ़ें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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Tulsi Pujan Diwas 2025: तुलसी पूजन का महत्व।



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। तुलसी पूजन दिवस बेहद शुभ दिन माना जाता है। यह हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन देवी तुलसी की पूजा का विधान है। यह दिन तुलसी के पौधे के औषधीय, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को समर्पित है। माता तुलसी को साक्षात मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और उन्हें भगवान विष्णु की प्रिया भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से घर में सुख, शांति, समृद्धि आती है और सभी तरह के दुख दूर होते हैं। आइए यहां इस दिन (Tulsi Pujan Diwas 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं - विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

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शुभ मुहूर्त (Tulsi Pujan Diwas 2025 Shubh Muhurat)

[*]ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05:25 बजे से 06:19 बजे तक
[*]पूजा का शुभ समय - सुबह 08:00 बजे से 10:00 बजे तक
[*]शाम का पूजन मुहूर्त - शाम 05:30 बजे से 07:00 बजे तक।

पूजा विधि (Tulsi Pujan Diwas 2025 Puja Rituals)

[*]संकल्प - सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। पूजा का संकल्प लें।
[*]पूजा की तैयारी - तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। पौधे के चारों ओर साफ-सफाई करें और उस पर हल्दी-कुमकुम का तिलक लगाएं।
[*] शृंगार - लाल चुनरी और लाल फूल और 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करें।
[*]दीपदान - तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं।
[*]परिक्रमा - तुलसी माता की सात या ग्यारह बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय \“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय\“ मंत्र का जप करें।
[*]भोग - तुलसी माता को मिठाई या मिश्री का भोग लगाएं।
[*]कथा और चालीसा - इस दिन तुलसी चालीसा का पाठ और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

करें ये उपाय (Tulsi Pujan Diwas 2025 Upay)

तुलसी पूजन दिवस पर पूजा के बाद, तुलसी के पौधे पर एक पीले रंग का धागा सात बार लपेटें। ऐसी मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है। साथ ही जीवन सकारात्मकता, शांति और समृद्धि से भरा होता है।
पूजा मंत्र (Tulsi Pujan Diwas 2025 Puja Mantra)

[*]ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।
[*]वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
[*]मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी, नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।।


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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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