deltin33 Publish time 2025-12-13 13:36:22

Bhagalpur News: वाहन फिटनेस जांच में फर्जीवाड़ा! 1 महीने में जारी कर दिए 5 हजार से अधिक सर्टिफिकेट

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वाहन फिटनेस जांच केंद्र। फाइल फोटो



जागरण संवाददाता, भागलपुर। जगतपुर स्थित आटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर (एटीएस) में वाहन फिटनेस जांच में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। गुरुवार को परिवहन विभाग की सात सदस्यीय उच्च स्तरीय टीम के निरीक्षण में यहां कई तरह की गड़बड़ियां मिलीं।

जांच में पता चला कि यहां गलत तरीक से फिटनेस जांच करने, मशीनों का दुरुपयोग करने और फर्जी रिकॉर्ड तैयार करने का काम किया जा रहा था। चौंकाने वाली बात यह कि ATS ने एक माह में पांच हजार से अधिक फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर दिए थे, जो 24 घंटा काम करने के बाद भी संभव नहीं है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

टीम को यहां से फर्जी फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने और कई इलेक्ट्रानिक मशीनों को मैनुअल मोड पर चलाने के भी प्रमाण मिले हैं। लिहाजा, अब जगतपुर आटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर का लाइसेंस रद होना लगभग तय माना जा रहा है।
फिटनेस जांच पूरी तरह से है ठप

भागलपुर जिले में पिछले दो महीने से अधिक समय से वाहनों का फिटनेस कार्य पूरी तरह से ठप है। इसका कारण जगतपुर एटीएस में मिली गड़बड़ियां हैं। अनियमिता को देखते हुए मोर्थ ने सेंटर को बंद करा दिया था। इसी को लेकर सात सदस्यीय टीम स्थल निरीक्षण करने पहुंची।

टीम में अतिरिक्त सचिव प्रवीण कुमार, बांका और भागलपुर के डीटीओ, मोटरयान निरीक्षक, तीन तकनीकी विशेषज्ञ और एक प्रोग्रामर शामिल थे। जांच टीम ने कार्रवाई पूरी कर ली है और अब वह अपनी रिपोर्ट मोर्थ (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) को भेजेगी। वहीं से अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि एटीएस स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा या उसके पुनः संचालन की अनुमति दी जाएगी।
हर महीने जारी कर रहा था करीब 5000 फिटनेस प्रमाणपत्र

विभाग से जुड़े पदाधिकारी में बताया कि जांच के दौरान पता चला कि एटीएस हर महीने 5000 से 5500 तक फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर रहा था, जो तकनीकी रूप से किसी भी हालत में संभव नहीं है। यदि एटीएस 24 घंटे भी चलता रहे, तो भी वह 20 से 25 मिनट में एक वाहन की जांच कर अधिकतम 72 वाहनों का ही दैनिक फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर सकता है।

इस हिसाब से एक महीने में लगभग 2100 वाहनों की ही जांच की जा सकती है, लेकिन सेंटर ने उससे दोगुने से अधिक सर्टिफिकेट जारी किए, जो सीधे-सीधे फर्जीवाड़े का प्रमाण है। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में भी कई अनियमितताएं मिलीं। कई वाहनों का फिटनेस रिकार्ड दर्ज ही नहीं पाया गया, जो गंभीर अनियमितता मानी जाती है।
जिले में 89,876 वाहनों के फिटनेस हैं फेल

जिले में फिटनेस जांच बंद होने और एमवीआइ की आइडी निष्क्रिय रहने से स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में 89,876 वाहन फिटनेस फेल की श्रेणी में आ चुके हैं।

इनमें मिनी बसें, आटो, ई-रिक्शा, ट्रक, मालवाहक और ट्रैक्टर शामिल हैं, बावजूद वह रोज सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन वाहनों की तकनीकी स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि ब्रेक, बाडी और अन्य जरूरी हिस्से कभी भी हादसा करा सकते हैं।





    फिटनेस फेल गाड़ियों का प्रकार संख्या


   ट्रैक्टर (कमर्शियल)
   14,509


   ई-रिक्शा (पैसेंजर)
   13,030


   मोटरसाइकिल या स्कूटर
   10,391


   गुड्स कैरियर
   9,864


   ट्रेलर (कमर्शियल)
   8,682


   थ्री व्हीलर (पैसेंजर)
   21,259


   मोटर कैब
   6,084


   थ्री व्हीलर (सामान ढोने वाले)
   2,418


   मोटरकार
   1,299


   अन्य
   1,433


   बस
   907


   कुल फिटनेस फेल वाहन
   89,876


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