Chikheang Publish time 2025-12-13 13:36:30

Jamshedpur News: कांदरबेड़ा फोरलेन का निर्माण टला, वन विभाग ने 14 आपत्तियों के साथ लौटाया प्रस्ताव

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जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। एनएच-33 पर पारडीह-बालीगुमा फ्लाईओवर निर्माण के चलते भीषण जाम से जूझ रहे शहरवासियों को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी है। जाम से मुक्ति दिलाने के लिए संजीवनी माने जा रहे कांदरबेड़ा-दोमुहानी फोरलेन (सड़क चौड़ीकरण) प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सरायकेला वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) ने पथ निर्माण विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए वनभूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव को 14 बड़ी खामियों के साथ बैरंग लौटा दिया है। विभाग की घोर लापरवाही का आलम यह है कि प्रस्ताव के साथ संलग्न जस्टिफिकेशन रिपोर्ट पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर तक नहीं हैं।

सरायकेला वन प्रमंडल द्वारा दो दिसंबर को जारी पत्र ने प्रशासनिक उदासीनता की पोल खोल दी है। डीएफओ ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को स्पष्ट किया है कि करीब 8 किलोमीटर लंबी इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए 4.887 हेक्टेयर वनभूमि की आवश्यकता है। लेकिन, ऑनलाइन आवेदन के साथ जो दस्तावेज सौंपे गए, वे बेहद अधूरे हैं। विभाग ने सबसे बड़ी चूक यह की है कि प्रस्ताव के साथ संलग्न जस्टिफिकेशन रिपोर्ट पर सक्षम प्राधिकारी के हस्ताक्षर ही नहीं कराए गए हैं, जो सरकारी कामकाज की गंभीरता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।

वन विभाग ने जिन 14 त्रुटियों को चिन्हित किया है, उनके बिना किसी भी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलना असंभव है। प्रस्ताव में प्रोजेक्ट का डिटेल नोट, जीपीएस को-ऑर्डिनेट्स के साथ पूर्ण ग्रामीण मानचित्र और टोपोशीट संलग्न नहीं है। इसके अलावा योजना का ले-आउट प्लान, वनभूमि एवं गैर-वनभूमि की सूची और अंचलाधिकारी द्वारा सत्यापित भूमि सूची भी नदारद है।ॉ

विभाग ने उपायुक्त द्वारा निर्गत यह प्रमाण पत्र भी नहीं सौंपा कि कार्य के लिए कोई वैकल्पिक गैर-वनभूमि उपलब्ध नहीं है। साथ ही जंगल-झाड़ी किस्म की भूमि के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र और कम से कम वनभूमि उपयोग करने का वचन पत्र भी फाइल से गायब है।

वन विभाग ने यह भी आपत्ति जताई है कि वनाधिकार अधिनियम के तहत जिला व ग्रामसभा स्तर की कार्यवाही की प्रति, कटने वाले पेड़ों की गणना सूची, कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस और क्षतिपूरक वनरोपण से संबंधित कोई भी अभिलेख प्रस्ताव के साथ नहीं दिया गया है। एनपीवी जमा करने की वचनबद्धता भी स्पष्ट नहीं की गई है।

यह प्रोजेक्ट शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए लाइफलाइन माना जा रहा था। वर्तमान में पारडीह से बालीगुमा के बीच फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है, जिससे एनएच-33 पर दिन-रात जाम की स्थिति रहती है।

कांदरबेड़ा से दोमुहानी (सोनारी) तक सड़क चौड़ी होने से भारी वाहन और बसें एनएच-33 पर जाए बिना सीधे मरीन ड्राइव होकर औद्योगिक क्षेत्र या बस स्टैंड तक पहुंच सकते थे, लेकिन वन विभाग की आपत्तियों के बाद अब इस वैकल्पिक मार्ग का काम अनिश्चितकाल के लिए टल गया है। डीएफओ ने अनुरोध किया है कि सभी त्रुटियों का निराकरण कर प्रस्ताव पुनः समर्पित करें, जिसके बाद ही आगे की कार्यवाही संभव हो सकेगी।
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